हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के शेयरों में तेजी बरकरार है। पिछले पांच सालों में कंपनी के शेयर में 4 गुना उछाल देखने को मिले हैं। भारत सरकार देश में स्वदेशी रक्षा विनिर्माण पर जोर दे रही है। इस बीच प्रमुख एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी में तेजी आई है। अब इनके शेयर में भी तेजी आ गई है। यह एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में उभरी है।
कितना है कंपनी के शेयर
प्राइवेट सेक्टर में एयरोस्पेस और डिफेंस कंपनी के शेयरों की कीमत में तेजी आ गई है। आज के समय में ये शेयर 3904.85 रुपये पर कारोबार कर रही हैं। वहीं, पिछले सालों में इसके शेयर की कीमत 800 रुपये था।
बाजार विश्लेषकों के अनुसार कंपनी के मजबूत ऑर्डर बुक और उच्च राजस्व वृद्धि ने कंपनी की क्षमता को मजबूत कर दिया है। आपको बता दें कि भारत में सभी रक्षा विनिर्माण कंपनियों के शेयरों में तेजी देखने को मिला है।
What a tight slap on @INCIndia ?
Look at @HALHQBLR graph.
And what a stale view of @RahulGandhi
Hindustan Aeronautics Limited share gained 388.77% in the last five years.
The opposition had alleged at the time of the Rafale deal that the Modi government was weakening HAL pic.twitter.com/oOU9bFQl2W
— R. RAJAGOPALAN (@RAJAGOPALAN1951) July 24, 2023
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के बारे में
एचएएल की स्थापना दिसंबर 1940 में किया गया था। इसका मुख्यालय बेंगलुरु में है। यह दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े एयरोस्पेस और रक्षा निर्माताओं में से एक है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गौरांग शाह के अनुसार,
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड कंपनी स्वदेशी रूप से निर्मित हल्के लड़ाकू विमान और हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों का निर्माण करती है। इस कंपनी को भारतीय वायुसेना के साथ-साथ विदेशी बाजार से भी बड़े ऑर्डर मिलते हैं। इसी के साथ उन्होंने कहा कि जब कंपनी ने आईपीओ की घोषणा की गई थी तब उनके पास ग्राहकों की सिफारिश थी। इस से कंपनी को भविष्य में घरेलू और वैश्विक स्तर पर बहुत सारे ऑर्डर मिलने से फायदा होगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया अमेरिका यात्रा के दौरान, पीएम मोदी ने भारतीय वायु सेना के लिए F414 जेट इंजन के सह-उत्पादन के लिए GE एयरोस्पेस और HAL के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
मुंबई में स्थित केडिया एडवाइजरी के प्रमुख अजय केडिया ने कहा – “विदेशी संस्थागत निवेशक एचएएल और भारत के स्वदेशी रक्षा विनिर्माण में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं, जिससे इसके शेयर की कीमतें बढ़ रही हैं। कंपनी का लक्ष्य 4,200 रुपये प्रति शेयर करने का है।”
केंद्र सरकार का लक्ष्य
केंद्र सरकार ने वर्ष 2024-25 तक 35,000 करोड़ रुपये के रक्षा निर्यात सहित 175,000 करोड़ रुपये का स्वदेशी रक्षा विनिर्माण हासिल करने का लक्ष्य रखा है। सरकार ने पिछले कुछ सालों में कई नीतिगत पहल की हैं। सरकार ने रक्षा उपकरणों के स्वदेशी डिजाइन, विकास और निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए कई सुधार भी किये हैं। इससे रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिला है। सरकार ने रक्षा वस्तुओं की कई सूचियों की घोषणा भी की है जिन्हें रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (डीएपी) में दिए गए प्रावधानों के अनुसार केवल घरेलू स्रोतों से ही खरीदा जा सकता है।
निवेशकों को कर रहा है प्रभावित
एचएएल के स्टॉक की कीमतों में तेजी देखने के बाद निवेशकों और बाजार विश्लेषकों को काफी आकर्षित कर रहा है।
एचएएल भारतीय विमानन उद्योग में सबसे आगे रहा है, जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों ग्राहकों को अत्याधुनिक विमान, हेलीकॉप्टर और संबंधित सिस्टम प्रदान कर रहा है। यह भारतीय रक्षा बलों के लिए हेलीकॉप्टर और प्रशिक्षण विमान के निर्माण में सबसे आगे रहा है। इसने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के लिए एयरोस्ट्रक्चर का निर्माण किया है।