सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उपभोक्ता सामान कंपनी जायडस वेलनेस की एक याचिका पर एक अन्य फर्म से जवाब मांगा है। जायडस वेलनेस ने याचिका में दिल्ली हाई कोर्ट के इस आदेश को चुनौती दी थी कि वह अपने उत्पादों के लिए शुगरलाइट ब्रांड नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकती है।
जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की अवकाश पीठ ने इस संबंध में दिल्ली मार्केटिंग नामक फर्म को नोटिस जारी किया और तीन सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। बता दें कि हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की अवकाश पीठ जायडस वेलनेस की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
हाई कोर्ट ने 12 मई के अपने आदेश में जायडस वेलनेस को शुगरलाइट ब्रांड नाम का उपयोग करने से रोक दिया था। आदेश के मुताबिक, दिल्ली मार्केटिंग के पास शुगरलाइट ब्रांड नाम का इस्तेमाल करने का अधिकार है। दिल्ली मार्केटिंग ने आरोप लगाया था कि जायडस ग्राहकों को भ्रमित करने के लिए गलत तरीके से ट्रेडमार्क का उपयोग कर रही थी।
दिल्ली मार्केटिंग ने 2020 में ट्रायल कोर्ट का रुख किया था और ट्रेडमार्क शुगरलाइट या किसी अन्य समान या भ्रामक समान चिह्न का उपयोग करने के लिए स्थायी निषेधाज्ञा की मांग की थी। हालांकि, ट्रायल कोर्ट ने निषेधाज्ञा के अनुरोध को खारिज कर दिया और कहा कि दो निशान न केवल दिखने में अलग थे, बल्कि उत्पादों के विभिन्न वर्ग से भी संबंधित थे। अदालत ने कहा कि जिस तरह से पार्टियां व्यापार कर रही थीं। भ्रम की कोई संभावना नहीं थी।