2024 के आखिरी कारोबारी दिन मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार बड़ी गिरावट के साथ खुला है। बीएसई सेंसेक्स 404.34 अंक टूटकर 77,843.80 अंक पर खुला है। वहीं, एनएसई 89.60 अंकों की गिरावट के साथ 23,554.80 अंकों पर कारोबार कर रहा है। बाजार में आज दूसरे दिन बड़ी गिरावट है।
भारतीय शेयर बाजार में 2024 के आखिरी कारोबारी दिन की गिरावट के पीछे कई संभावित वजहें हो सकती हैं। इन कारणों का असर निवेशकों के सेंटिमेंट और बाजार की चाल पर पड़ता है। आइए, इन कारणों पर नज़र डालते हैं:
1. वैश्विक बाजारों का नकारात्मक रुख
- अमेरिकी शेयर बाजार सोमवार को गिरावट के साथ बंद हुए, जिसका प्रभाव एशियाई और भारतीय बाजारों पर भी दिखा।
- दक्षिण कोरिया का KOSPI और चीन का शंघाई कंपोजिट भी नुकसान में रहे।
- वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, जैसे अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में संभावित बदलाव, भी निवेशकों की धारणा पर असर डालती है।
2. आईटी और टेक्नोलॉजी सेक्टर पर दबाव
- भारतीय बाजार में आईटी और टेक्नोलॉजी शेयरों जैसे टेक महिंद्रा, टीसीएस, इंफोसिस, और एचसीएल टेक्नोलॉजीज में गिरावट का बड़ा असर रहा।
- यह गिरावट अमेरिका और यूरोप में मंदी की आशंकाओं और टेक्नोलॉजी कंपनियों के मुनाफे पर दबाव के कारण हो सकती है।
3. फार्मा और ऑटो सेक्टर की कमजोरी
- फार्मा और ऑटो सेक्टर में कमजोरी बाजार को और गिरावट की ओर ले गई।
- मांग में कमी और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की चुनौतियों का असर इन सेक्टर्स पर दिख रहा है।
4. साल के अंत में निवेशकों की बिकवाली
- साल के आखिरी कारोबारी दिन पर निवेशकों ने मुनाफा वसूली के लिए बड़े पैमाने पर बिकवाली की, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ा।
- दिसंबर का महीना ऐतिहासिक रूप से वॉल्यूम में गिरावट और अस्थिरता के लिए जाना जाता है।
5. स्थानीय और वैश्विक आर्थिक चिंताएं
- भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कुछ नकारात्मक संकेत, जैसे राजकोषीय घाटा, मुद्रास्फीति के दबाव, और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी, भी चिंता का कारण हैं।
- वैश्विक स्तर पर चीन की धीमी आर्थिक वृद्धि और यूरोपीय देशों की कमजोर आर्थिक स्थिति का असर भी बाजार पर दिखा।
6. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट
- रुपये में कमजोरी का असर आयातकों और विदेशी निवेशकों के मनोबल पर पड़ता है, जो बाजार में गिरावट का एक और कारण हो सकता है।
सकारात्मक पक्ष
हालांकि गिरावट के बावजूद, कुछ बड़े शेयरों जैसे कोटक महिंद्रा बैंक, एसबीआई, टाटा मोटर्स, और टाटा स्टील में बढ़त दर्ज की गई, जो बाजार के लिए एक राहत की बात है।
बाजार में गिरावट की क्या है वजह?
- अमेरिकी बाजार में कोहराम: आज भारतीय बाजार में बड़ी गिरावट की अहम बजट अमेरिकी बाजार में बड़ी गिरावट है। सोमवार को डाउ जोन्स और नैस्डैक में बड़ी गिरावट रही। इसका असर आज भारतीय बाजार में दिखाई दे रहा है।
- विदेशी निवेशकों की बिकवाली थम नही रही: भारतीय बाजार में गिरावट की दूसरी अहम वजह विदेशी निवेशकों की बिकवाली है। विदेशी निवेशक लगातार भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं। इसके चलते भारतीय बाजार रिकॉर्ड हाई से लगातार नीचे जा रहा है।
- मजबूत होता डॉलर: भारतीय बाजार में गिरावट की तीसरी मुख्य वजह डॉलर में लगातार मजबूती आना है। भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर हो रहा है। रुपया टूटकर 85प्रति डॉलर के ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गया है। आपको बता दें कि कमजोर रुपया विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजार में निवेश करने से हतोत्साहित करता है। यह उनके लाभ को कम करता है, जब वे इसे अपनी घरेलू मुद्राओं में वापस बदलते हैं, जिससे विदेशी पूंजी बाहर निकलती है और बाजारों पर और दबाव पड़ता है। इसका भी असर भारतीय बाजार पर हो रहा है।
- कंपनियों के हालत सुधरने के संकेत नहीं: भारतीय कंपनियों की पहली और दूसरी तिमाही के रिजल्ट अच्छे नहीं रहे। तीसरी यानी दिसंबर तिमाही के वित्तीय नतीजे भी ज्यादा बेहतर रहने की उम्मीद नहीं है। इसका असर भी भारतीय शेयर बाजार पर दिखाई दे रहा है।
- मैक्रोइकॉनोमिक बाधाएं: भारत की बिगड़ती मैक्रोइकॉनोमिक तस्वीर को लेकर नई चिंताएं उभरी हैं, जिससे बाजार की धारणा प्रभावित हुई है। नवंबर में देश का व्यापार घाटा अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। इसके अलावा आर्थिक विकास दर भी धीमी हुई है। भारत की दूसरी तिमाही की जीडीपी वृद्धि दर लगभग दो वर्षों में सबसे कम रही और लगातार तीसरी तिमाही में विकास दर में कमी देखी गई। इसका असर भी भारतीय स्टॉक मार्केट पर दिखाई दे रहा है।