गौतम अडानी पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए घूस देने के आरोपों के बीच व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया ने इस मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक संवेदनशील बना दिया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन पियरे ने इस मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि अमेरिका इन आरोपों से वाकिफ है, लेकिन इस मुद्दे पर अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमिशन (SEC) और अमेरिकी न्याय विभाग (DoJ) ही कोई ठोस जानकारी प्रदान कर सकते हैं।
व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया
- कैरिन जीन पियरे ने कहा कि व्हाइट हाउस इस मामले पर नज़र बनाए हुए है, लेकिन भारत और अमेरिका के रिश्तों पर इस आरोप का कोई असर नहीं पड़ेगा।
- अमेरिका का रुख: व्हाइट हाउस ने यह स्पष्ट किया कि यह मामला अमेरिकी जांच एजेंसियों द्वारा देखे जाने के बाद ही कोई ठोस बयान दिया जा सकता है।
- भारत-अमेरिका संबंध: कैरिन जीन पियरे ने यह भी कहा कि अमेरिका का ध्यान भारत और अमेरिका के संबंधों पर केंद्रित है और इसे लेकर किसी भी तरह की राजनीतिक प्रतिक्रिया जल्दबाजी में नहीं दी जाएगी।
आरोपों का संदर्भ
गौतम अडानी पर आरोप हैं कि उन्होंने सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके हासिल करने के लिए घूस दी। हालांकि, यह आरोप अडानी समूह ने पहले ही नकारे हैं, और उन्होंने इसे एक झूठा आरोप करार दिया है।
अमेरिकी दृष्टिकोण
व्हाइट हाउस का यह बयान यह संकेत करता है कि अमेरिका इस मामले पर नजर बनाए रखेगा, लेकिन अमेरिका-भारत संबंधों पर इसके कोई नकारात्मक प्रभाव की संभावना कम है।
अभी तक इस मामले में कोई न्यायिक कार्रवाई या ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, और इस तरह के आरोपों के राजनीतिक या कारोबारी प्रभाव पर भविष्य में और अधिक जानकारी मिल सकती है।
Tune in for a briefing with Press Secretary Karine Jean-Pierre. https://t.co/mHVRs7Qa4y
— The White House (@WhiteHouse) November 21, 2024
उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध बेहद मजबूत नींव पर टिके हैं. यह दोनों देशों के लोगों के बीच के संबंध और हमारे द्विपक्षीय सहयोग से जुड़ा हुआ है. हम मानते हैं और पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि हम इस मुद्दे को भी समाधान की दिशा में ले जाएंगे, जैसा कि हमने अन्य मामलों में भी किया है. लेकिन इस मामले पर किसी तरह की प्रतिक्रिया सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमिशन और न्याय विभाग ही दे पाएगा. लेकिन मैं एक बार फिर कहना चाहूंगी कि भारत और अमेरिका के संबंध मजबूत नींव पर आधारित हैं.
बता दें कि गौतम अडानी नए आरोपों से घिर गए हैं. भारत में सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को लगभग 2,250 करोड़ रुपये की रिश्वत का है. अडानी समूह ने इन प्रोजेक्ट्स के लिए अमेरिकी निवेशकों से फंड जुटाया था, यही वजह है कि अमेरिकी कोर्ट में उनके खिलाफ ये मामला आया है. इन प्रोजेक्ट्स से समूह को 20 वर्षों में करीब 2 अरब डॉलर के मुनाफे का अनुमान था.
गौतम अडानी और उनके ग्रुप के खिलाफ घूस देने के आरोपों में अडानी ग्रुप और अमेरिकी इश्युअर के बीच एक कथित साजिश का आरोप है, जिसमें उन्होंने सौर ऊर्जा परियोजनाओं के ठेके हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी। इस मामले में मुख्य किरदार निम्नलिखित हैं:
गौतम अडानी – अडानी ग्रुप के चेयरमैन और संस्थापक।
सागर अडानी – अडानी ग्रीन एनर्जी के कार्यकारी निदेशक।
रंजीत गुप्ता – एज्योर पावर के पूर्व सीईओ।
रूपेश अग्रवाल – एज्योर पावर के सलाहकार।
अमेरिकी इश्युअर – अमेरिकी कंपनियां, जिन पर आरोप है कि उन्होंने इस घूस सौदे में मदद की।
आरोपों का विवरण:
अमेरिकी अभियोग के अनुसार, अडानी ग्रुप और एज्योर पावर ने सरकारी स्वामित्व वाली सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) से 12 गीगावाट सौर ऊर्जा की आपूर्ति का ठेका हासिल किया था। लेकिन SECI के लिए यह सौदा तब तक आगे नहीं बढ़ सकता था, जब तक भारतीय बाज़ार में इसके लिए खरीदार नहीं मिलते।
चूंकि खरीदारों के बिना यह सौदा लागत का जोखिम बन सकता था, और नुकसान का खतरा था, इस कारण दोनों कंपनियों ने भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने का निर्णय लिया, ताकि परियोजना के ठेकों को प्रभावी तरीके से प्राप्त किया जा सके।