ऑनलाइन ग्रॉसरी डिलीवरी कंपनी जेप्टो ने फिर से कमाल कर दिया है. इंडिया में सबसे पहले 10 मिनट में ग्रॉसरी डिलिवरी का कॉन्सेप्ट लाने वाली कंपनी के वैल्यूएशन में तेजी आई है. जनरल कैटालिस्ट पार्टनर्स की अगुआई में हुए फंडिंग राउंड में भारतीय ऑनलाइन ग्रॉसर ज़ेप्टो का वैल्यूएशन लगभग 40% बढ़कर $5 बिलियन हो गया, जो देश के ई-कॉमर्स मार्केट में विदेशी निवेशकों द्वारा लगाया गया सबसे बड़ा दांव में से एक है.
ज़ेप्टो ने एक बयान में कहा कि नए निवेशकों ड्रैगन फंड और एपिक कैपिटल ने 340 मिलियन डॉलर के K राउंड में भाग लिया. लाइटस्पीड वेंचर पार्टनर्स और डीएसटी ग्लोबल सहित मौजूदा बैकर्स ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. मुंबई स्थित इस स्टार्टअप ने आखिरी बार जून में निजी इक्विटी फर्म एवेनिर और लाइटस्पीड सहित नए निवेशकों से $665 मिलियन जुटाए थे. उस राउंड में फर्म का वैल्यूएशन $3.6 बिलियन था.
ई-कॉमर्स में तेजी जारी
भारत का ई-कॉमर्स सेक्टर ऐसे समय में निवेश आकर्षित कर रहा है जब पेटीएम के विनियामक मुद्दे और एडटेक फर्म बायजू की दिवालियापन कार्यवाही स्टार्टअप फाइनेंसरों को डरा रही है. मई में, अल्फाबेट इंक की गूगल ने तेजी से बढ़ते मध्यम वर्ग पर भरोसा करते हुए वॉलमार्ट इंक की फ्लिपकार्ट पर $350 मिलियन का दांव लगाया था.
ऐसे जेप्टो बन रहा हीरो
ज़ेप्टो यूजर्स को जोड़ रहा है क्योंकि सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक में अधिक उपभोक्ता ऑनलाइन हो रहे हैं. ज़ेप्टो ने परिपक्व डार्क स्टोर या वेयरहाउस से बिक्री को फिर से निवेश करके मार्च 2025 तक वेयरहाउस को दोगुना करके 700 से अधिक करने की योजना बनाई है, और जल्द ही सार्वजनिक होने की तैयारी कर रही है, कंपनी ने पहले कहा है. बचपन के दोस्त आदित पलिचा और कैवल्य वोहरा स्टैनफोर्ड के कंप्यूटर साइंस प्रोग्राम से बाहर हो गए और 2021 में स्टार्टअप बनाने के लिए भारत लौट आए, जब वे किशोर थे. ज़ेप्टो भारत के हाइपर-प्रतिस्पर्धी, कम-मार्जिन लेकिन उच्च मात्रा वाले किराना डिलीवरी क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा करता है. बाजार में प्रतिद्वंद्वियों में ई-कॉमर्स दिग्गज Amazon.com Inc. की भारत इकाई और घरेलू प्रतिस्पर्धी जैसे सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प-समर्थित स्विगी लिमिटेड, सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली ज़ोमैटो लिमिटेड और समूह टाटा समूह की बिगबास्केट शामिल हैं.