एक अजीबो-गरीब घटना में, जब ST समाज के लिए बने एक “प्रार्थना घर” का उद्घाटन किया गया, तो यह पता चला कि वह प्रार्थना घर दरअसल एक चर्च था। इस उद्घाटन समारोह में बिशप के साथ कांग्रेस विधायक भी मौजूद थे, जो समारोह का हिस्सा बने। हालांकि, जैसे ही हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने हनुमान चालीसा का पाठ शुरू किया, समारोह स्थल पर हड़कंप मच गया और बिशप समेत अन्य लोग वहां से भाग गए।
बिलासपुर जिले के रतनपुर स्थित जनजातीय बहुल गाँव बंगलाभाठा में मंगलवार को एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें ‘प्रार्थना घर’ के उद्घाटन के नाम पर लोग एकत्रित हुए थे। इस समारोह में महिलाएँ और बच्चे भी शामिल थे। उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कांग्रेस विधायक अटल श्रीवास्तव और बिशप सुषमा कुमार (डायोसिस ऑफ छत्तीसगढ़) उपस्थित थे।
कार्यक्रम के दौरान बिशप और विधायक ने इस ‘प्रार्थना घर’ का उद्घाटन किया, लेकिन जैसे ही हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने हनुमान चालीसा का पाठ शुरू किया, कार्यक्रम स्थल पर स्थिति तनावपूर्ण हो गई। हिंदू संगठनों का आरोप था कि ‘प्रार्थना घर’ का नाम बदलकर एक धार्मिक स्थल (चर्च) के रूप में उद्घाटन किया गया है, जो उनके धार्मिक विश्वासों के खिलाफ है। इस विरोध के बाद बिशप और कांग्रेस विधायक वहां से निकल गए और कार्यक्रम को जल्द ही समाप्त कर दिया गया।
हिंदू संगठनों का कहना था कि यह आयोजन जनजातीय समाज के लिए एक धार्मिक परिवर्तन का हिस्सा बन सकता है, और वे इस पर विरोध दर्ज कराते हैं। उनका मानना है कि जनजातीय समुदाय की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए ऐसे आयोजनों को उचित तरीके से किया जाना चाहिए।
वहीं, कांग्रेस विधायक अटल श्रीवास्तव और बिशप सुषमा कुमार ने इस विवाद पर कोई स्पष्ट टिप्पणी नहीं की है, लेकिन यह घटना अब बड़े पैमाने पर चर्चा का विषय बन चुकी है। इसके परिणामस्वरूप स्थानीय समुदायों में असंतोष और विवाद बढ़ने की आशंका है।
इस घटना को लेकर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन हिंदू संगठनों ने अपने विरोध को जारी रखने की चेतावनी दी है।
वहीं, कांग्रेस विधायक और बिशप ने इस पूरे घटनाक्रम पर अभी तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी है। इस घटना के बाद से क्षेत्र में तनाव और विवाद बढ़ने की संभावना है।