छत्तीसगढ़ समेत तेलंगाना और महाराष्ट्र की सीमाओं से सटे नक्सल प्रभावित इलाकों में इस समय सबसे बड़ा समन्वित ऑपरेशन चल रहा है, जिसका उद्देश्य 2026 तक नक्सलवाद का पूर्ण उन्मूलन है — जैसा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लक्ष्य तय किया था।
गरियाबंद मुठभेड़: मुख्य बिंदु
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स्थान: गरियाबंद जिले का जुगाड़ थाना क्षेत्र
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समय: शुक्रवार रात (हालिया)
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परिणाम: 1 नक्सली मारा गया, हथियार और विस्फोटक बरामद
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कार्रवाई: मुठभेड़ के बाद सघन तलाशी अभियान
कर्रेगुट्टा ऑपरेशन (बीजापुर सीमा)
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स्थान: कर्रेगुट्टा पहाड़ी (छत्तीसगढ़-तेलंगाना-महाराष्ट्र सीमा)
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समय: पिछले 11 दिनों से जारी
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बलों की तैनाती:
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सीआरपीएफ, डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा, बस्तर फाइटर्स (छत्तीसगढ़)
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ग्रे हाउंड (तेलंगाना)
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C-60 (महाराष्ट्र)
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कुल मिलाकर 20,000 से अधिक जवान
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स्थिति:
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नक्सलियों की घेराबंदी
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दसवें दिन तिरंगा फहराया गया — यह प्रतीकात्मक है कि इलाका अब सरकारी नियंत्रण में है
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मुठभेड़ें और तलाशी जारी
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अमित शाह का बयान (5 अप्रैल, दंतेवाड़ा)
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नक्सलियों से अपील:
“हथियार डालकर मुख्यधारा में आएं, सरकार पूरी मदद करेगी।”
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चेतावनी:
“अगर हिंसा नहीं छोड़ी तो सुरक्षाबल उसी अंदाज़ में जवाब देंगे।”
नक्सलवाद के खिलाफ मिशन 2026: रणनीति
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संवेदनशील इलाकों में बड़े स्तर पर सैन्य कार्रवाई
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स्थानीय युवाओं की भर्ती (बस्तर फाइटर्स, DRG आदि)
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संवेदनशील गांवों में सड़क, शिक्षा और रोजगार की सुविधाएं
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मुख्यधारा में लौटने वाले नक्सलियों के लिए पुनर्वास नीति
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बाहरी राज्यों से समन्वित बलों की तैनाती (जैसे ग्रे हाउंड, C-60)
यह पूरा अभियान न केवल एक सुरक्षा कार्रवाई है, बल्कि यह विकास और सामाजिक पुनर्वास की रणनीति के साथ जुड़ा है ताकि आदिवासी क्षेत्रों को स्थायी रूप से नक्सल प्रभाव से मुक्त किया जा सके।