छत्तीसगढ़ में पहली बार हाथ से लिखा गया बजट पेश
छत्तीसगढ़ विधानसभा में सोमवार को राज्य के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने हस्तलिखित ऐतिहासिक बजट पेश किया। यह पहली बार हुआ जब राज्य में कंप्यूटर-टाइप्ड बजट की जगह वित्त मंत्री द्वारा हाथ से लिखा गया बजट सदन में प्रस्तुत किया गया।
छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक पहल
आज विधानसभा में राज्य का पहला हस्तलिखित बजट पेश किया।
100 पृष्ठों का यह बजट परंपरा और मौलिकता की नई मिसाल है।#CG_की_प्रGATI_का_बजट pic.twitter.com/Ycf5Pd2tQN
— OP Choudhary (@OPChoudhary_Ind) March 3, 2025
बजट की खासियतें:
✔️ 100 पृष्ठों का पूर्णतः हस्तलिखित बजट
✔️ परंपराओं की ओर वापसी और मौलिकता को बढ़ावा
✔️ डिजिटल युग में ऐतिहासिक पहचान बनाने की पहल
✔️ प्रामाणिकता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने पर जोर
वित्त मंत्री ओपी चौधरी का बयान:
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि “डिजिटल युग में हस्तलिखित बजट पेश करना एक अलग पहचान रखता है और इसका ऐतिहासिक महत्व है।” उन्होंने इसे परंपरागत मूल्यों को पुनर्जीवित करने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम बताया।
Live: पत्रकार वार्ता, बजट वर्ष 2025-26 https://t.co/m3LGMOyRE4
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) March 3, 2025
पहली बार ऐसा क्यों किया गया?
📌 अब तक छत्तीसगढ़ विधानसभा में कंप्यूटर-टाइप्ड बजट ही पेश होते रहे हैं, लेकिन इस बार इसे एक अनूठे अंदाज में प्रस्तुत किया गया।
📌 वित्त मंत्री का मानना है कि हाथ से लिखा हुआ बजट ज्यादा प्रामाणिक और विश्वसनीय माना जाता है।
📌 इस कदम से राज्य की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक परंपराओं को नई पहचान मिलेगी।
आवास योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार ने 875 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है।
छत्तीसगढ़ में स्वच्छ पेयजल व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए अमृत मिशन के तहत 744 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है।
मुख्यमंत्री गृह प्रवेश सम्मान योजना की शुरुआत की जा रही है, जिसके तहत 100 करोड़… pic.twitter.com/8ZG68db9To
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राजनीतिक और प्रशासनिक नजरिया
🔹 राजनीतिक रूप से इस फैसले को एक महत्वपूर्ण प्रतीकात्मक कदम माना जा रहा है, जो छत्तीसगढ़ की सरकार को एक सांस्कृतिक और परंपरागत मूल्यों से जुड़ा हुआ दिखाने की कोशिश कर रहा है।
🔹 प्रशासनिक रूप से यह प्रामाणिकता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने की दिशा में उठाया गया कदम हो सकता है।
🔹 यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अन्य राज्य भी इस परंपरा को अपनाते हैं या इसे सिर्फ एक प्रतीकात्मक प्रयास माना जाएगा।
8500 करोड़ रुपये के बजट से प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) को सशक्त बनाया जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए सरकार ने 330 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में माताओं और महिलाओं को समर्पित महतारी सदन का निर्माण किया जाएगा।
200 करोड़ रुपये के बजट… pic.twitter.com/p3ceiJsvql
— OP Choudhary (@OPChoudhary_Ind) March 3, 2025
क्या यह नई परंपरा बनेगी?
👉 छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे एक ऐतिहासिक पहल बताया है, लेकिन यह देखना होगा कि आने वाले वर्षों में भी इस परंपरा को जारी रखा जाएगा या नहीं।
👉 अगर यह प्रयोग सफल होता है, तो दूसरे राज्यों में भी इसे अपनाने की संभावना बन सकती है।