छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय प्रदेश में रहने वाले हर एक वर्ग के लोगों को विकास से जोड़ने के लिए काम कर रहे हैं। इसी के तहत सीएम साय ने सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिलों के तेन्दूपत्ता संग्राहकों के पारिश्रमिक राशि को कैश में भुगतान करने का निर्देश दिया है। सीएम साय का कहना है कि इन सभी जिलों में बैंकों की शाखाएं काफी दूर-दूर हैं, ऐसे में तेन्दूपत्ता संग्राहकों को अपने पारिश्रमिक के पैसे के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इन लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सीएम साय ने वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को निर्देश दिया है कि तेन्दूपत्ता संग्राहकों को उनकी पारिश्रमिक राशि नगद में भुगतान की जाए।
5500 रूपए प्रति मानक बोरा की दर से तेंदूपत्ता की हो रही है खरीदी, अब सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिले के तेंदूपत्ता संग्राहकों को हमारी सरकार नगद भुगतान भी करेगी।#संवर_रहा_छत्तीसगढ़#VishnuKaSushasan pic.twitter.com/HP731VCe7q
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) June 18, 2024
सीएम साय का विभाग को सख्त निर्देश
सीएम साय ने विभाग से कहा कि वह सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिलों के हाट-बाजारों में कैम्प लगाकर तेन्दूपत्ता संग्राहकों को साल 2024 की पारिश्रमिक राशि को नगद भुगतान किया जाए। इसके साथ ही सीएम साय के निर्देशानुसार वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप के नेतृत्व में विभाग ने एक दिशा-निर्देश जारी किया है। इस दिशा-निर्देश में बताया गया है कि आखिर इन जिलों में तेन्दूपत्ता संग्राहकों को किस तरह से और कहां पर अपने पारिश्रमिक राशि का भुगतान किया जाएगा। साथ ही यह भी बताया गया कि इन जिलों के अलावा प्रदेश के बाकी जिलों में तेन्दूपत्ता संग्राहकों को पारिश्रमिक राशि का भुगतान उनके बैंक खाते में ही किया जाएगा।
कलेक्टर की निगरानी में होगा नगद भुगतान
प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने बताया कि वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की तरफ से जारी किए गए निर्देश में साफ कहा गया है कि सभी नगद भुगतान की कार्यवाही जिला कलेक्टर के निगरानी में पूरी की जाएगी। इसके साथ ही कलेक्टर ही निर्धारण करेगा कि आखिर नगद भुगतान के लिए कौन से संग्राहक पात्र होंगे। हर एक नगद भुगतान के लिए कलेक्टर की अनुमति से लेना जरूरी होगा। इसके साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि संग्राहकों को पारिश्रमिक राशि के भुगतान करने काम 15 दिन के अंदर पूरा किया जाए।