क्रिकेट की दीवानगी ने ली जान: छुट्टी लेकर स्टेडियम दौड़ी कोहली फैन, भगदड़ में गई जान
बेंगलुरु में बुधवार की शाम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की आईपीएल 2024 की ऐतिहासिक जीत की खुशी में निकाली गई विक्ट्री परेड उस समय मातम में बदल गई, जब चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ में 11 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। उन्हीं में एक थीं देवी, जो बेंगलुरु की एक नामी टेक कंपनी में काम करती थीं और विराट कोहली की जबरा फैन थीं। क्रिकेट के प्रति उनकी दीवानगी इतनी थी कि शहर में कोई भी मैच वह मिस नहीं करती थीं।
RCB की जीत की खबर सुनने के बाद देवी का उत्साह सातवें आसमान पर था। उन्हें जब पता चला कि स्टेडियम में टीम की परेड हो रही है, तो उन्होंने तुरंत बॉस से छुट्टी की गुहार लगाई। दोपहर करीब 2:30 बजे कुछ घंटों की छुट्टी मिली, और फिर देवी ने बिना समय गंवाए अपना लैपटॉप टेबल पर ही छोड़ दिया और स्टेडियम की ओर दौड़ पड़ीं। उनका बस एक ही मकसद था—कोहली और RCB की झलक पाना।
हालांकि देवी को ऑनलाइन टिकट नहीं मिल पाया था, फिर भी वह उम्मीद के सहारे निकलीं। अफवाह फैल गई थी कि स्टेडियम के गेट नंबर 7 पर RCB की तरफ से फ्री पास बांटे जा रहे हैं। यही अफवाह लाखों लोगों को स्टेडियम की ओर खींच लाई। भीड़ इतनी अधिक थी कि 40 हजार की क्षमता वाले स्टेडियम के बाहर 2 से 3 लाख लोग जमा हो गए। हालात बेकाबू हो गए और गेट पर भगदड़ मच गई।
देवी ने अपनी दोस्त को आखिरी बार मैसेज किया था—”मैं मेट्रो पकड़ रही हूं, स्टेडियम जा रही हूं।” इसके बाद उसकी कोई खबर नहीं आई। जब खबर आई, तो वह उसकी मौत की थी। भगदड़ में देवी दब गईं और उनकी जान चली गई।
देवी की एक सहकर्मी ने बताया कि उनका लैपटॉप आज भी ऑफिस की उसी मेज पर रखा है, जैसे वो थोड़ी देर में लौटने वाली हों। उनकी खाली कुर्सी देखकर सबकी आंखें नम हो जाती हैं। जोश और जुनून की वह चिंगारी जिसने देवी को स्टेडियम की ओर दौड़ाया, वही उनके जीवन की आखिरी दौड़ बन गई।
इस हादसे ने न सिर्फ RCB के जश्न को गहरा मातम बना दिया, बल्कि यह भी सवाल खड़े कर दिए कि ऐसे आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था क्यों नाकाफी रहती है। एक अफवाह ने 11 घरों के चिराग बुझा दिए और क्रिकेट की दीवानगी को मौत में बदल दिया।