आबकारी घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सीबीआई के मामले में गुरुवार को राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया. केजरीवाल को स्पेशल जज कावेरी बावेजा की कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसी के माध्यम से पेश किया गया. इसके बाद कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत को 20 अगस्त तक बढ़ा दी. इससे पहले कोर्ट ने 25 जुलाई को केजरीवाल को 8 अगस्त तक की न्यायिक हिरासत में भेजा था.
बता दें, 10 जुलाई को कोर्ट ने ईडी के चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए केजरीवाल को पेश होने का आदेश दिया था. 17 मई को ईडी ने सातवीं पूरक चार्जशीट दाखिल की थी जिसमें आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को आरोपी बनाया गया है. इस मामले में अब तक 18 लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार होने वाले लोगों में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह, बीआरएस नेता के कविता शामिल हैं. इसमें संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट नियमित जमानत दे चुकी है.
ईडी ने 21 मार्च को देर शाम को अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था. 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को 1 जून तक की अंतरिम जमानत दी थी जिसके बाद केजरीवाल ने 2 जून को सरेंडर किया था. केजरीवाल को 26 जून को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. ईडी ने संजय सिंह को 4 अक्टूबर को उनके सरकारी आवास पर पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. ईडी ने इस मामले में मनीष सिसोदिया को 9 मार्च 2023 को पूछताछ के बाद तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था. सिसोदिया को पहले सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था.
ईडी ने 10 मई को छठी पूरक चार्जशीट दाखिल की थी. जिसमें बीआरएस नेता के. कविता, चनप्रीत सिंह, दामोदर शर्मा, प्रिंस कुमार, अरविंद सिंह को आरोपी बनाया गया है. कोर्ट ने 29 मई को छठे पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था.
पांच सितंबर को होगी सुनवाई
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से पूछा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दी गई जमानत को चुनौती देने वाली अर्जी में अब कौन सा पहलू बचा है, जबकि आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में उन्हें पहले ही उच्चतम न्यायालय से अंतरिम जमानत मिल चुकी है। नई तारीख मांगने पर न्यायमूर्ति कृष्णा ने कहा, ‘‘पिछली बार भी स्थगन मांगा गया था। आप हर समय अदालत से इस तरह अनुरोध नहीं कर सकते, जैसे अदालत के पास कोई और काम ही न हो। आपको अपनी डायरी को उसी हिसाब से समायोजित करना होगा। ऐसा मत सोचिए कि अदालतें आपको बिना सोचे-समझे तारीख दे देंगी।’’ ईडी के वकील ने स्पष्ट किया कि पिछली बार तारीख की मांग जांच एजेंसी की ओर से नहीं, बल्कि आप के वकील की ओर से की गई थी। उन्होंने उच्च न्यायालय से मामले पर बहस के लिए नजदीक की तारीख देने का आग्रह किया था। इस मामले को अब सुनवाई के वास्ते पांच सितंबर के लिए सूचीबद्ध किया गया है।