आम आदमी पार्टी द्वारा महिला सम्मान योजना के तहत 2100 रुपए की घोषणा के मामले में एलजी सचिवालय ने डिविजनल कमिश्नर से जांच करने को कहा है. सचिवालय ने कहा है कि किस तरह गैर सरकारी लोग लोगों का निजी डेटा इकट्ठा कर रहे हैं. एलजी सचिवालय ने पुलिस कमिश्नर से कहा है कि वे उन लोगों के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई करें जो लाभ देने की आड़ में डेटा की गोपनीयता भंग कर रहे हैं. दिल्ली के उपराज्यपाल सचिवालय ने दिल्ली के मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त को तीन अलग-अलग नोट भेजे हैं. ये नोट कांग्रेस नेता और नई दिल्ली विधानसभा से उम्मीदवार द्वारा दिल्ली के उपराज्यपाल से विशेष शिकायतों के साथ मुलाकात के बाद भेजे गए हैं.
नोट में क्या है?
1) आप द्वारा महिला पात्र मतदाताओं को 2100 रुपये देने की घोषणा
2) दिल्ली में कांग्रेस के प्रस्तावित उम्मीदवारों के आवास पर पंजाब के खुफिया अधिकारियों की मौजूदगी का आरोप
3) दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब के विभिन्न हिस्सों से दिल्ली में नकदी ट्रांसफर करने का आरोप
AAP के स्कीम के खिलाफ विज्ञापन
दिल्ली में फिलहाल कोई संजीवनी या महिला सम्मान स्कीम लागू नहीं है. यह बात दिल्ली सरकार के दो विभागों ने खुद नोटिस जारी कर बताई है. दिल्ली चुनाव से पहले स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग का यह बयान काफी मायने रखता है, क्योंकि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता दिल्ली में इन दोनों योजनाओं को लेकर बड़े स्तर पर रिजस्ट्रेशन ड्राइव चला रहे हैं.
स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस में क्या कहा?
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने ‘संजीवनी योजना’ को लेकर कहा है कि यह योजना सभी दिल्ली अस्पतालों में 60 वर्ष से अधिक आयु के निवासियों के लिए मुफ्त इलाज देने का दावा करती है, लेकिन ऐसी कोई योजना मौजूद नहीं है. विभाग का दवा है कि अवैध व्यक्तियों ने रजिस्ट्रेशन अभियान चलाया है, जिसमें वरिष्ठ नागरिकों से आधार और बैंक खाता जानकारी सहित व्यक्तिगत विवरण मांगे जा रहे हैं और नकली स्वास्थ्य योजना कार्ड वितरित किए जा रहे हैं. दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने जनता को इस अनाधिकारिक योजना के तहत मुफ्त इलाज के वादों पर विश्वास न करने और जानकारी साझा न करने की सलाह दी है.
महिला एवं बाल विकास विभाग ने क्या कहा?
महिला और बाल विकास विभाग (WCD) ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर जनता को ‘मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना’ से संबंधित गतिविधियों को लेकर चेतावनी दी है. विभाग ने स्पष्ट किया है कि दिल्ली सरकार ने ऐसी कोई योजना अधिसूचित नहीं की है. योजना के तहत पैसे बांटे जाने के दावे बेबुनियाद हैं. दिल्ली के लोगों को सलाह दी गई है कि वे इस योजना का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाले किसी भी व्यक्ति या राजनीतिक पार्टी को जानकारी न दें, क्योंकि इससे साइबर अपराध या बैंकिंग धोखाधड़ी हो सकती है.