दिल्ली हाईकोर्ट में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है. याचिका में पीएम मोदी पर आरोप लगाया गया था कि वह लोकसभा चुनाव के दौरान धार्मिक देवताओं और पूजा स्थलों के नाम पर बीजेपी के लिए वोट मांग रहे हैं.
याचिका खारिज करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि याचिका पूरी तरह से गलत है और अदालत भारत निर्नाचन आयोग को किसी भी शिकायत पर विशेष विचार करने का निर्देश नहीं दे सकती है.
किसने दायर की थी याचिका?
जानकारी के अनुसार, वकील आनंद एस जोंधले ने दिल्ली हाई कोर्ट में पीएम मोदी के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने के लिए ये याचिका की थी. उन्होंने याचिका के जरिए हाई कोर्ट से मांग कि थी कि वह चुनाव आयोग को इस संबंध में निर्देश जारी करें. साथ ही प्रधानमंत्री के चुनाव लड़ने पर छह साल का प्रतिबंध लगाने का निर्देश आयोग को दें.
Delhi HC dismisses a plea seeking direction to ECI to disqualify Prime Minister Narendra Modi for allegedly seeking votes for BJP in the name of religious deities and places of worship for ongoing Lok Sabha elections.
While dismissing the plea, the court said the petition is… pic.twitter.com/xkZofoS2aQ
— ANI (@ANI) April 29, 2024
याचिका में क्या था आरोप?
इस याचिका में पीएम मोदी के बीते 9 अफ्रैल को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में दिए गए भाषण का जिक्र किया गया था. उन पर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने इस रैली के दौरान हिंदू-सिख देवताओं और उनके पूजा स्थलों के नाम पर जनता से वोट मांगे है. उन्होंने पीएम के भाषण को आचार संहिता का उल्लंघन बताया था. साथ ही उनके भाषण को लेकर कार्रवाई की मांग की थी.
क्या दिया था पीएम ने बयान
प्रधानमंत्री ने यूपी के पीलीभीत में एक रैली को संबोधित करते हुए इंडिया अलायंस पर जमकर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि इंडिया अलायंस के नेताओं ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को ठुकरा कर भगवान राम का अपमान किया है. उन्होंने कांग्रेस के घोषणा पत्र की तुलना मुस्लिम लीग से की थी.