देश की राजधानी दिल्ली में अभी न तो सर्दियों की शुरुआत हुई है और न ही न दिवाली के पटाखों जलने शुरू हुए हैं. शादी का सीजन भी शुरू नहीं हुआ है, लेकिन दिल्ली सुबह-सुबह धुंध की चादर में ऐसे लिपटी है, मानो यहां किसी ने धुआँ छोड़ दिया है. हालांकि, हालात भी कुछ ऐसे ही हैं. पंजाब और हरियाणा में बड़ी तादाद में पराली जलाने की घटनाएं देखी जा रही हैं, जिससे वहां की हवा दिल्ली का रुख करके यहां के हालात बिगाड़ रही है.
Delhi's air quality deteriorates to 'very poor' category on Thursday
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— ANI Digital (@ani_digital) October 24, 2024
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, आज सुबह 7 बजे के करीब दिल्ली का औसत एक्यूआई 349 मापा गया, जो बेहद खराब स्थिति है. वहीं आनंद विहार में हवा में प्रदूषण का स्तर गंभीर स्थिति को पार कर चुका है.
NCR में भी बिगड़ने लगी हवा
- ग्रेटर नोएडा- 196
- गाजियाबाद- 320
- नोएडा- 304
- गुरुग्राम- 248
- फरीदाबाद-181
दिल्ली के सबसे प्रदूषित इलाके
- आनंद विहार 400
- जहांगीरपुरी 400
- बवाना 385
- वजीपुर 378
- रोहिणी 377
- मुंडका 3 72
- सोनिया विहार 370
- विवेक विहार 368
- आरके पुरम 367
- बुराड़ी 356
- द्वारका 353
- प्रतापगढ़ 351
- नजफगढ़ 350
- अशोक विहार 348
- मंदिर मार्ग 347
- सिरी फोर्ट 340
- श्री अरबिंदो मार्ग 336
- आईजीआई 331
- आईटीओ 330
- ओखला 328
कैसे मापी जाती है एयर क्वालिटी?
अगर किसी क्षेत्र का AQI जीरो से 50 के बीच है तो AQI ‘अच्छा’ माना जाता है, 51 से 100 AQI होने पर ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’माना जाता है, अगर किसी जगह का AQI 201 से 300 के बीच हो तो उस क्षेत्र का AQI ‘खराब’ माना जाता है. अगर AQI 301 से 400 के बीच हो तो ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच AQI होने पर ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है. वायु प्रदूषण से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं. इसी के आधार पर दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप श्रेणी की पाबंदियां लगाई जाती हैं. आपको बता दें ग्रैप-2 लागू होने के बाद 5 प्रमुख पाबंदियां भी लग गई हैं.
#WATCH | Delhi: Air quality in the national capital deteriorates to 'very poor' quality. Visuals from the Lodhi Road area where PM 2.5 is 234 and PM 10 is 219 currently. pic.twitter.com/mAWwZQP0Ec
— ANI (@ANI) October 24, 2024
क्या होता है ग्रैप?
ग्रैप का मतलब GRAP से है. GRAP का फुल फॉर्म ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान है. ये सरकार की एक योजना है, जिसे दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ बनाया गया है. इस प्लान के जरिए प्रदूषण को कंट्रोल किया जाता है. दरअसल, इसके कई चरण हैं और ये चरण भी बढ़ते प्रदूषण के साथ बढ़ते जाते हैं. जैसे जैसे चरण बढ़ते हैं, वैसे वैसे दिल्ली में पाबंदियां भी बढ़ती जाती हैं.
GRAP के 4 चरण होते हैं
- जब दिल्ली में हवा 201 से 300 एक्यूआई तक खराब होती है तो पहला चरण लागू किया जाता है.
- इसके बाद अगर हवा ज्यादा खराब होती है और एक्यूआई 301 से 400 तक पहुंच जाता है तो इसका दूसरा चरण लागू हो जाता है.
- अगर हवा ज्यादा खराब हो जाए यानी एक्यूआई 400 से भी ज्यादा हो जाए तो तीसरा चरण लगता है.
- हालात ज्यादा खराब होने पर GRAP का चौथा लेवल लागू कर दिया जाता है.