1989 बैच के आईएएस अफसर धर्मेंद्र को दिल्ली का नया मुख्य सचिव बनाया गया है। वह एक सितंबर से अपना प्रभार संभालेंगे। इससे पहले धर्मेंद्र अरुणाचल प्रदेश के मुख्य सचिव थे। उन्हें नरेश कुमार की जगह यह जिम्मेदारी दी गई है। 1987 बैच के आईएएस अधिकारी नरेश कुमार का सेवा विस्तार 31 अगस्त को समाप्त हो रहा है। नरेश कुमार का कार्यकाल केंद्र सरकार ने दो बार बढ़ाया था। अब उन्हें इस जिम्मेदारी से मुक्त किया जाएगा और धर्मेंद्र को यह पद सौंपा जा रहा है।
गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा, “सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन से धर्मेंद्र, आईएएस (एजीएमयूटी:1989) को अरुणाचल प्रदेश से दिल्ली स्थानांतरित किया जाता है और उन्हें 01.09.2024 से या कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से, जो भी बाद में हो, जीएनसीटीडी के मुख्य सचिव के पद पर तैनात किया जाता है।” डायरेक्टर अनीस मुरलीधरन ने यह नियुक्ति की है।
दिल्ली सरकार से नरेश का टकराव
दिल्ली के मुख्य सचिव के रूप में नरेश कुमार के आम आदमी पार्टी की सरकार के साथ टकराव होते रहे हैं। पिछले साल नवंबर में आम आदमी पार्टी ने नरेश कुमार पर गंभार आरोप लगाए थे। दिल्ली की सतर्कता मंत्री आतिशी ने 670 पन्नों की एक जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सौंपी थी, जिसमें भूमि अधिग्रहण के एक मामले में मुख्य सचिव नरेश कुमार की ‘‘प्रथम दृष्टया मिलीभगत’’ होने का आरोप लगाया गया था। साथ ही, दावा किया गया था कि इससे हितधारकों को 897 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ प्राप्त हुआ होगा। इस पर कुमार ने पूछा था कि ” किस आधार पर ऐसे आरोप लगाए गए हैं, खासकर तब जबकि मुख्य सचिव ने पिछले साल यानी 2022 में ही कार्यभार संभाला था। रिपोर्ट की प्रति साझा नहीं की गई है। ऐसे में कोई किस आधार पर प्रतिक्रिया दे सकता है।’’ रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्री ने निष्पक्ष जांच का मार्ग प्रशस्त करने के लिए मुख्य सचिव कुमार और संभागीय आयुक्त अश्विनी कुमार को उनके पदों से हटाने की सिफारिश की थी।
Ministry of Home Affairs appoints IAS Dharmendra as New Chief Secretary of Delhi pic.twitter.com/SZavZ2qVEn
— ANI (@ANI) August 31, 2024
क्या थे आरोप
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि दिल्ली के मुख्य सचिव के बेटे एक रियल्टी फर्म में काम करते थे और उस कंपनी के एक निदेशक, सुभाष चंद कथूरिया के दामाद थे। कथूरिया, दक्षिण-पश्चिम बामनोली गांव में अधिग्रहित भूमि के मालिकों में से एक थे तथा उन्हें इस सड़क परियोजना के लिए अधिग्रहित जमीन के लिए बढ़ा हुआ मुआवजा दिया गया था। सतर्कता मंत्री की प्रस्तुत रिपोर्ट में कहा गया था, ‘‘हासिल किया गया अनुचित लाभ पहले की सतर्कता रिपोर्ट की तुलना में काफी अधिक है। दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र के तत्कालीन जिलाधिकारी हेमंत कुमार द्वारा अवैध एवं बढ़ा-चढ़ा कर निर्धारित किये गये मूल्य के आधार पर बामनोली गांव में 19.081 एकड़ भूमि के लिए कथुरिया को हासिल हुआ अनुचित लाभ 897.1 करोड़ रुपये रहा होगा। यह सतर्कता रिपोर्ट में प्रदर्शित किये गये 353.79 करोड़ रुपये के अनुमान से बहुत अधिक है।’’