दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार पर लग रहे शराब घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने पंजाब में भी दस्तक दी है। मोहाली से आप विधायक कुलवंत सिंह के घर और दफ्तर पर सुबह करीब आठ बजे एक साथ ईडी की टीम ने दबिश दी। टीम सुबह से ही उनके दफ्तर और घर पर दस्तावेज खंगाल रही है। सूत्रों के अनुसार शराब घोटाला मामले में यह कार्रवाई की जा रही है। हालांकि अभी अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि नहीं की है। छापेमारी पर विधायक और उनके स्टाफ ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय आप विधायक कुलवंत सिंह के स्वामित्व वाली रियल एस्टेट कंपनी के दो प्रोजेक्ट पर पर्यावरण मानदंडों का उल्लंघन करने का सवाल भी उठा चुकी है। यह मामला पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के ध्यान में लाया गया। इसके बाद राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सिविक अथॉरिटी, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और स्टेट लेवल एनवायरनमेंट इंपैक्ट असेसमेंट अथॉरिटी (एसईआईएए) को नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई को कहा था।
ये दोनों प्रोजेक्ट जनता लैंड प्रमोटर्स लिमिटेड (जेएलपीएल) बना रहा है। इसका स्वामित्व मोहाली से आप विधायक कुलवंत सिंह के पास है। राज्यपाल ने सीएम को लिखे पत्र में जानकारी दी थी कि मोहाली के सेक्टर 82-83 में जनता लैंड प्रमोटर्स लिमिटेड के प्रोजेक्ट सुपर मेगा मिक्स्ड यूज इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल पार्क और सेक्टर-66ए में गैलेक्सी हाइट्स के निर्माण में पर्यावरण नियमों का उल्लंघन हुआ है।
गौरतलब है कि शराब घोटाले में सीबीआई दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं इस संबंध में पंजाब के कई शहरों में पहले भी छापेमारी हो चुकी है। सीबीआई पंजाब के कई अधिकारियों को इस मामले में तलब कर चुकी है। वहीं ईडी ने पंजाब में शराब नीति बनाने वाले अधिकारियों को बिना अनुमति विदेश जाने पर रोक लगा चुकी है। इससे पहले फरीदकोट के पूर्व शिअद विधायक व शराब कारोबारी दीप मल्होत्रा के ठिकानों पर आयकर विभाग छापे मार चुका है।
दिल्ली सरकार की शराब नीति 17 नवंबर 2021 को लागू हुई थी। पॉलिसी के तहत शराब कारोबार को निजी हाथों में सौंप दिया गया था। इसी के साथ ही शराब नीति पर विवाद शुरू हो गया था। आरोप है कि दिल्ली सरकार ने शराब की दुकानों के टेंडर देने के बाद शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित वित्तीय लाभ पहुंचाने की कोशिश की, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।