दिल्ली पुलिस और उसकी विशेष इकाइयों द्वारा अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है, खासकर बांग्लादेशी नागरिकों के मामलों में।
मुख्य बिंदु:
1. दिल्ली में पकड़े गए 4 बांग्लादेशी नागरिक:
- स्थान: दक्षिण पश्चिम जिला, AATS (Anti Auto Theft Squad) की कार्रवाई।
- गिरफ्तार व्यक्ति:
- मोहम्मद असद अली (44)
- नसीमा बेगम (40)
- मोहम्मद नईम खान (18)
- आशा मोनी (13)
- देश में रहने की अवधि: पिछले 12 वर्षों से अवैध रूप से भारत में रह रहे थे।
- बरामदगी: बांग्लादेशी पहचान दस्तावेज मिले हैं।
2. हरियाणा से भागकर दिल्ली में छिपा परिवार:
- कुल 9 सदस्य, जिनमें एक नवजात भी शामिल।
- पहले मेवात के ईंट भट्टे में काम करते थे, फिर दिल्ली आ गए।
- पुलिस की निगरानी और पूछताछ से पूरा परिवार पकड़ा गया।
- बरामद स्मार्टफोन में प्रतिबंधित ऐप्स, जिससे बांग्लादेश में रिश्तेदारों से संपर्क करते थे।
- भारत में प्रवेश का तरीका: पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले से अवैध सीमा पार कर।
प्रशासनिक चिंताएं:
- ये घटनाएं राष्ट्रीय सुरक्षा, आंतरिक कानून व्यवस्था, और अवैध प्रवास से जुड़े गंभीर सवाल उठाती हैं:
- 12 साल तक बिना किसी दस्तावेज़ के भारत में रहना।
- क्या ये लोग फर्जी दस्तावेज़ बना चुके हैं?
- इनका कोई आपराधिक या कट्टरपंथी नेटवर्क से संबंध तो नहीं?
- क्या इन्हें किसी स्थानीय नेटवर्क या दलालों ने भारत में बसाने में मदद की?
कानूनी पहलू:
- इन मामलों में आमतौर पर विदेशी नागरिक अधिनियम (Foreigners Act), 1946 और पासपोर्ट अधिनियम के तहत कार्रवाई होती है।
- साथ ही अगर फर्जी दस्तावेज़, आतंकी या आपराधिक संपर्क, या मानव तस्करी का संदेह हो तो UAPA या IPC की कई धाराएं भी लग सकती हैं।
सुझाव और आगे की दिशा:
- सीमा सुरक्षा को मजबूत करने की ज़रूरत, खासकर पश्चिम बंगाल व बांग्लादेश की सीमा पर।
- अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए विशेष अभियान चलाने की आवश्यकता।
- नेशनल सिटीजन रजिस्टर (NRC) जैसे उपायों पर राज्यों और केंद्र सरकार के बीच समन्वय।
- आधार और अन्य सरकारी सुविधाओं की पहुंच को सत्यापन से जोड़ना ताकि कोई अवैध रूप से लाभ न उठा सके।