दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने रविवार को मुख्य सचिव नरेश कुमार को निर्देश दिया कि अंतरिम उपाय के तौर पर उन 5,000 शिक्षकों के तबादले के आदेश स्थगित रखे जाएं, जो 10 साल से अधिक समय से एक ही स्कूल में तैनात हैं. यह निर्णय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के नेताओं और शिक्षकों के प्रतिनिधियों के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा सक्सेना से उनके कार्यालय में मुलाकात के बाद लिया गया.
भाजपा ने शिक्षकों के तबादले के “मनमाने” फैसले के लिए आप सरकार को जिम्मेदार ठहराया, जबकि आप नेता और दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने उपराज्यपाल के निर्देश का स्वागत करते हुए इसे दिल्लीवासियों की जीत बताया और सामूहिक तबादलों के आदेश के पीछे भाजपा की साजिश का आरोप लगाया. आतिशी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘दिल्लीवासियों का संघर्ष सफल रहा, दिल्ली के सरकारी स्कूलों को बर्बाद करने की भाजपा की साजिश विफल रही.’
राजनिवास ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘सरकारी कर्मचारियों के लिए बेहतर सेवा शर्तों के वास्ते लगातार प्रयास कर रहे उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने मुख्य सचिव और शिक्षा निदेशालय को शिक्षकों से संबंधित हाल के स्थानांतरण आदेशों पर सहानुभूतिपूर्ण, समग्र और निष्पक्ष दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी है. उन्होंने सुझाव दिया है कि अंतरिम तौर पर आदेशों को स्थगित रखा जाए. एलजी को विभिन्न सरकारी स्कूल शिक्षक संघों से कई ज्ञापन मिले थे और आज राज निवास में उनके प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की.’
बीजेपी नेताओं ने की थी एलजी से मुलाकात
पोस्ट में यह भी कहा गया है कि शिक्षकों के साथ सांसद मनोज तिवारी, कमलजीत सहरावत, योगेंद्र चंदोलिया, बांसुरी स्वराज और दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंदर सिंह लवली भी थे, जो सभी भाजपा से हैं. शिक्षा निदेशालय के निर्देश में कहा गया था कि जिन्होंने एक स्कूल में 10 साल से अधिक समय तक सेवा की है उनका ट्रांसफर के लिए अप्लाई करना जरूरी है. ऐसा न करने पर उन्हें शिक्षा निदेशालय द्वारा किसी भी स्कूल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा.
आतिशी का पोस्ट
कुछ दिन पहले ही आतिशी ने तबादला प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद मुख्य सचिव को निर्देश दिया था कि 10 साल से अधिक समय से एक ही स्कूल में पढ़ा रहे 5,000 शिक्षकों के अनिवार्य तबादले पर तत्काल रोक लगाई जाए. एलजी के निर्देश पर प्रतिक्रिया देते हुए आतिशी ने एक्स पर उसी पोस्ट में रविवार को कहा, “2 जुलाई को भाजपा ने एलजी के जरिए रातों-रात दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ा रहे 5000 शिक्षकों का तबादला करवा दिया. तब मैंने अपने शिक्षकों, बच्चों और उनके अभिभावकों से वादा किया था कि हम शिक्षा क्रांति को नुकसान पहुंचाने की इस साजिश को सफल नहीं होने देंगे.”
दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को बधाई! 2 जुलाई को 5000 से ज़्यादा शिक्षकों के ट्रांसफ़र के ऑर्डर को वापस ले लिया गया है।
भाजपा ने दिल्ली की शिक्षा क्रांति को रोकने के लिए LG साहब के माध्यम से हज़ारों शिक्षकों के ट्रांसफ़र करवा दिए थे। परंतु दिल्ली वालों के संघर्ष के कारण,… pic.twitter.com/3jFYHXKBuN
— Atishi (@AtishiAAP) July 8, 2024
उन्होंने हिंदी में लिखे उसी पोस्ट में कहा, “आज दिल्ली की जनता की जीत हुई है, एलजी साहब को अपना आदेश वापस लेना पड़ा है. यह भाजपा के लिए भी संदेश है कि वह दिल्ली के सरकारी स्कूलों के खिलाफ साजिश करना बंद करे.”
दरअसल, शिक्षा निदेशालय ने 11 जून को “शिक्षा निदेशालय के शिक्षण कर्मचारियों के तबादले के लिए ऑनलाइन अनुरोध” शीर्षक से एक परिपत्र जारी किया था, जिसमें सेक्शन 16 के तहत निर्देश दिया गया था कि एक ही विद्यालय में दस वर्ष से ज्यादा समय तक सेवा देने वाले सभी टीचर्स को अनिवार्य रूप से तबादले के लिए आवेदन करना होगा। ऐसा न करने पर उन्हें शिक्षा निदेशालय किसी भी विद्यालय में स्थानांतरित कर देगा।
‘दिल्ली वालों के संघर्ष के कारण, यह षड्यंत्र फेल हो गया’
आम आदमी पार्टी का सांसद आतिशी ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को बधाई देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट किया। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा, “दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को बधाई! 2 जुलाई को 5000 से ज्यादा शिक्षकों के ट्रांसफर के ऑर्डर को वापस ले लिया गया है। भाजपा ने दिल्ली की शिक्षा क्रांति को रोकने के लिए LG साहब के माध्यम से हजारों शिक्षकों के ट्रांसफर करवा दिए थे। परंतु दिल्ली वालों के संघर्ष के कारण, यह षड्यंत्र फेल हो गया। केजरीवाल सरकार दिल्ली के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे इसके लिए हमें कितनी भी लड़ाई लड़नी पड़े।”