दिल्ली हाईकोर्ट आज दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका सुनवाई करेगा. जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच सुनवाई करेगी. हाईकोर्ट ने 8 मई को जमानत याचिका पर जवाब दाखिल दाखिल करने के लिए ईडी और सीबीआई को आज तक का समय दिया था. ईडी की ओर से पेश वकील जोहेब हुसैन ने कहा था कि एक सह-आरोपी के मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. हाईकोर्ट ने 3 मई को ईडी और सीबीआई को नोटिस जारी किया था.
हाईकोर्ट ने सिसोदिया को अपनी पत्नी से हफ्ते में एक बार मिलने की अनुमति का ट्रायल कोर्ट का आदेश जारी रखने का आदेश दिया था. बता दें कि 30 अप्रैल को राऊज एवेन्यु कोर्ट ने सीबीआई और ईडी की ओर से दर्ज केस में सिसोदिया की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था. इसी आदेश को सिसोदिया ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. राऊज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी ने सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि प्रॉफिट मार्जिन को सात फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करने को सही ठहराने को लेकर कोई बैठक या चर्चा नहीं की गई है. ये नीति कुछ थोक विक्रेताओं के पक्ष में थी.
सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि सिसोदिया के वकील सिर्फ ट्रायल में देरी को लेकर जमानत के लिए दबाव बना रहे हैं. उसके लिए उनको हलफनामा दाखिल करना चाहिए, क्योंकि इस मामले मे बड़ी संख्या में अलग-अलग अर्जियां दाखिल की गई थीं. इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि मुकदमा धीमी गति से चल रहा है. ईडी ने कहा कि प्रॉफिट मार्जिन को सात फीसदी बढ़ाकर 12 फीसदी करने को सही ठहराने को लेकर कोई बैठक या चर्चा नहीं हुई. इनका तर्क है कि पहले भी बैठक और चर्चा नहीं हुई थी, अब भी नहीं है. इसलिए हमने भी ऐसा किया है. तीन दिनों के भीतर, बिना किसी बैठक या चर्चा के 12 प्रतिशत का प्रॉफिट मार्जिन पेश किया गया.
ईडी ने कहा कि अपराध की गंभीरता बेहद गंभीर है क्योंकि एक नीति बनाई गई जो कुछ थोक विक्रेताओं के पक्ष में थी. पॉलिसी वापस लेने का एकमात्र वजह जांच थी और शराब की नई नीति मतलब अवैध लाभ प्राप्त करने का एक जरिया. ईडी ने कहा था कि विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट में कहा गया था कि थोक कारोबार का हिस्सा सरकार को दिया जाए. इस बात पर कोई चर्चा नहीं की गई और थोक कारोबार निजी कंपनियों को क्यों दे दिया गया. ईडी ने कहा था कि साउथ ग्रुप के साथ ओबेरॉय होटल में मीटिंग हुई थी. जहां सभी सह-आरोपी मीटिंग में उपस्थित थे. उनमें से कुछ अब सरकारी गवाह बन गए हैं.
बता दें कि ईडी ने इस मामले में मनीष सिसोदिया को 9 मार्च 2023 को पूछताछ के बाद तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था. सिसोदिया को पहले सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था. इस मामले के सह-आरोपी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को जमानत दी थी. उसके पहले सुप्रीम कोर्ट आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को जमानत दे चुका है.