केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह 17 मई यानी बुधवार को दिल्ली में एक अखिल भारतीय पेंशन अदालत का उद्घाटन करेंगे। इस अदालत में पुराने मामलों को उठाया जाएगा और उनका समाधान किया जाएगा। मंगलवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
अब तक सात अखिल भारतीय पेंशन अदालतें आयोजित की जा चुकी हैं, जिनमें 24 हजार 218 मामले सामने आए, जिसमें से 17 हजार 235 मामलों का समाधान किया गया। पेंशन अदालत की पहल 2017 में प्रायोगिक आधार पर पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा शुरू की गई थी। 2018 में, पेंशनरों की शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाते हुए राष्ट्रीय पेंशन अदालत का आयोजन किया गया था।
अपनाए गए मॉडल के अनुसार, एक विशेष शिकायत के लिए सभी हितधारकों को एक सामान्य मंच पर आमंत्रित किया जाता है और पेंशन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए प्रत्येक हितधारक के अनुसार मामले को सुलझाया जाता है ताकि पेंशन समय पर शुरू हो सके।
कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह बुधवार को नई दिल्ली में 50वीं प्री-रिटायरमेंट काउंसलिंग (पीआरसी) कार्यशाला की अध्यक्षता भी करेंगे। कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है, “पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा आयोजित यह पीआरसी सभी मंत्रालयों/विभागों के 1,200 अधिकारियों के लिए आयोजित किया जा रहा है, जो अगले 6 महीनों में सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं।”
कार्यशालाओं से सेवानिवृत्त होने वाले केंद्र सरकार के सिविल कर्मचारियों और पेंशन से संबंधित अधिकारियों को विभिन्न पहलुओं पर लाभ होगा, जैसे- सेवानिवृत्ति लाभों के समय पर भुगतान के लिए आवश्यक औपचारिकताएं, BHAVISHYA पर पेंशन फॉर्म कैसे भरें, एकीकृत पेंशनभोगियों के पोर्टल पर संक्षिप्त जानकारी, वरिष्ठ नागरिकों/पेंशनरों के लिए आयकर प्रोत्साहन आदि।
विभाग द्वारा अब तक 49 पीआरसी का संचालन किया गया है। दिल्ली में विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के लिए 29 और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीआरपीएफ, बीएसएफ और असम राइफल्स) के लिए 20 पीआरसी का संचालन नई दिल्ली, जालंधर, शिलांग, कोलकाता, टेकनपुर, जम्मू, जोधपुर और गुवाहाटी में किया गया। कुल मिलाकर, 6,972 सेवानिवृत्त कर्मियों ने इन पीआरसी में भाग लिया।
पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने अब यह निर्णय लिया है कि पोर्टलों को एकीकृत करने के औचित्य को ध्यान में रखते हुए बड़े पैमाने पर पेंशनरों के लिए जीवनयापन में आसानी, सभी पोर्टल जैसे पेंशन वितरण बैंक पोर्टल, ANUBHAV, CPENGRAMS (केंद्रीकृत पेंशन शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली), CGHS (सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम) को नए बनाए गए ‘आईइंटीग्रेटेड पेंशनर्स पोर्टल’ (ipension.nic.in) के साथ एकीकृत किया जाना चाहिए।
एसबीआई और केनरा बैंक के पेंशन सेवा पोर्टल को भविष्य पोर्टल से जोड़ने का काम पूरा हो गया है। इस एकीकरण के साथ पेंशनभोगी अब अपनी पेंशन पर्ची, जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की स्थिति और फॉर्म -16 एकीकृत पेंशनभोगी पोर्टल के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। बयान में कहा गया है कि सभी 18 पेंशन वितरण बैंकों को एकीकृत पेंशनभोगी पोर्टल में एकीकृत किया जाएगा।