आपने जो जानकारी साझा की है वह गंभीर चिंता का विषय है, विशेष रूप से तब जब देश में एक बार फिर से कोविड-19 के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। दिल्ली जैसे महानगर में स्थित लोकनायक जयप्रकाश (LNJP) अस्पताल की लापरवाही से जुड़े इन जमीनी हालात जन स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी हैं।
जमीनी हकीकत (LNJP अस्पताल की स्थिति):
- मास्क का अभाव:
अस्पताल में मरीजों, परिजनों और अधिकांश स्टाफ तक के चेहरे पर मास्क नहीं दिखा। यह अत्यंत लापरवाही है, खासकर भीड़भाड़ वाले ओपीडी और वार्ड जैसे क्षेत्रों में। - सैनिटाइज़र की अनुपलब्धता:
गेट, रजिस्ट्रेशन काउंटर, और वार्ड्स—कहीं भी हैंड सैनिटाइज़र की व्यवस्था नहीं मिली। - कोई निगरानी नहीं:
न कोई स्टाफ मास्क लगाने की सलाह देता है, न सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर कोई दिशा-निर्देश लागू हैं। - लोगों में जानकारी का अभाव:
अधिकांश मरीजों और परिजनों को कोविड के मामलों में बढ़ोतरी की जानकारी ही नहीं है। - अस्पताल में कोरोना वार्ड तैयार नहीं:
अभी तक LNJP में कोई आइसोलेशन वार्ड, कोविड लैब या स्क्रीनिंग की व्यवस्था सक्रिय नहीं है।
क्या खतरे हैं?
- भीड़भाड़ वाले अस्पताल में यदि एक भी संक्रमित व्यक्ति आता है, तो संक्रमण की श्रृंखला तेज़ी से फैल सकती है।
- फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स तक असुरक्षित हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर और संकट आ सकता है।
- अस्पताल से बाहर वायरस कम्युनिटी ट्रांसमिशन का रूप ले सकता है।
क्या किया जाना चाहिए?
- तत्काल मास्क अनिवार्य करें:
अस्पताल में प्रवेश पर ही मास्क पहनना अनिवार्य किया जाए और जिनके पास मास्क न हो उन्हें निःशुल्क मास्क प्रदान किया जाए। - हैंड सैनिटाइज़र स्टेशन:
सभी प्रमुख प्रवेश और भीड़ वाले स्थानों पर सैनिटाइज़र की व्यवस्था हो। - कोविड स्क्रीनिंग शुरू हो:
अलग कोविड जांच केंद्र और आइसोलेशन वार्ड तुरंत चालू किए जाएं। - जनजागरूकता अभियान:
माइक, पोस्टर, पर्चे आदि से लोगों को जागरूक किया जाए कि कोविड-19 की स्थिति अभी खत्म नहीं हुई है। - स्टाफ को ट्रेनिंग और दिशा-निर्देश:
अस्पताल के सभी कर्मियों को मास्क और कोविड प्रोटोकॉल को लेकर फिर से प्रशिक्षण दिया जाए।
प्रशासन और मीडिया की भूमिका:
- स्वास्थ्य मंत्रालय और दिल्ली सरकार को इस पर तुरंत एक्शन लेना चाहिए।
- मीडिया की ज़िम्मेदारी है कि वो ऐसी लापरवाहियों को उजागर करे और लोकल प्रशासन को जवाबदेह बनाए।