सितंबर खत्म होने को है। अक्टूबर में दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में ठण्ड का एहसास होना शुरू हो जाएगा। ठण्ड के साथ-साथ दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण और धुंध की चादर भी अक्टूबर से देखने को मिलने लगती है। इस प्रदूषण और धुंध की चादर का सबसे बड़ा कारण गाड़ियों से निकलने वाला धुआं और पंजाब-हरियाणा में जलने वाली पराली को माना जाता है। हालांकि पराली जलने पर रोक लगी हुई है, लेकिन इसके बावजूद इसमें कमी नहीं आ रही है।
ठण्ड किस हुरुआत होते ही पूरे दिल्ली-एनसीआर में भयानक प्रदूषण हो जाता है। दिल्ली की हवा में जहर फैल जाता है। सांस और फेफड़े के मरीजों की संख्या में अचानक से उछाल आ जाता है। केंद्र और दिल्ली सरकार दावा करती है कि प्रदूषण से निपटने के लिए सारे प्रबंध कर लिए गए हैं, लेकिन इनके दावे हर साल प्रदूषण की चादर में लिपटे हुए नजर आते हैं। पिछले दिनों ही दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया था कि प्रदूषण से लड़ने एक लिए कई फैसले लिए गए हैं। लेकिन यह बयान हर वर्ष आते हैं।
#WATCH | Punjab: Stubble burning seen in a field in Daduana village of Amritsar today. pic.twitter.com/3W0XKNrV3y
— ANI (@ANI) September 28, 2023
पंजाब में पराली जलना हुई शुरू
आज गुरूवार को समाचार एजेंसी ANI ने एक वीडियो जारी किया और बताया कि पंजाब के कई गांवों में किसानों ने अपने खेतों में धान के अवशेष के रूप में बची पराली को जलाना शुरू कर दिया है। एजेंसी ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि अमृतसर के ददुआना गांव में आज एक खेत में पराली जलती देखी गई है। अब कहा जा रहा है कि पराली जलाए जाने से जो धुआं निकलेगा, वह जल्द ही दिल्ली-एनसीआर की तरफ आने लगेगा। इसके बाद दीपावली पर पटाखों की वजह से भी प्रदूषण का स्तर बढ़ जाएगा।
रविवार से दिल्ली-एनसीआर में लागू हो जाएगा ग्रेप
वहीं इससे पहले सरकार ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में रविवार एक अक्टूबर से ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू कर दिया जाएगा। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के मुताबिक ग्रेप के विभिन्न चरणों की पाबंदियों को इस बार भी तीन दिन मौसम पूर्वानुमान के आधार पर ही लागू किया जाएगा। ऐसे में पूर्वानुमान का सही होना ग्रेप के सफल क्रियान्वयन के लिए काफी जरूरी है।