जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई, के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक उच्चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और थल सेना, नौसेना और वायुसेना प्रमुखों ने हिस्सा लिया।
#WATCH | PM Narendra Modi chairs a meeting with Defence Minister Rajnath Singh, NSA Ajit Doval, CDS and chiefs of all the Armed Forces. pic.twitter.com/Wf00S8YVQO
— ANI (@ANI) April 29, 2025
बैठक के प्रमुख बिंदु:
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आतंकी हमला एक सुनियोजित सीमा-पार साजिश का हिस्सा: CCS बैठक में स्पष्ट किया गया।
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आतंकियों और उनके संरक्षकों को दंडित करने की कड़ी रणनीति पर चर्चा।
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राजनाथ सिंह और CDS की पूर्व बैठक में निर्णयों की समीक्षा।
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आगामी जवाबी कदमों के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार।
प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा:
“हम इस जघन्य हमले के दोषियों और उनके संरक्षकों को पृथ्वी के किसी भी छोर पर खोजकर दंडित करेंगे। भारत आतंकवाद के विरुद्ध अपने संकल्प से डिगेगा नहीं।”
सर्वदलीय समर्थन और राष्ट्रीय एकता का संदेश:
पहलगाम हमले के बाद बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सभी राजनीतिक दलों ने एक स्वर में आतंकवाद के विरुद्ध भारत सरकार के किसी भी कदम को समर्थन देने की बात कही। इससे यह संदेश गया कि आंतरिक राजनीति से ऊपर उठकर भारत आतंकवाद के खिलाफ सर्वसम्मत और दृढ़ रुख अपनाएगा।
हमले का समय और साजिश के संकेत:
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हमले का समय जम्मू-कश्मीर में सफल चुनाव संपन्न होने और राज्य में आर्थिक प्रगति के बीच पड़ा है।
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CCS बैठक में संकेत मिले कि यह हमला भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया और स्थिरता को बाधित करने का प्रयास था।
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सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, और संवेदनशील क्षेत्रों में ऑपरेशनल स्तर की समीक्षा की जा रही है।
यह बैठक और उससे जुड़े निर्णय भारत की यह दृढ़ मंशा दर्शाते हैं कि आतंकवाद के प्रति ‘Zero Tolerance’ नीति से कोई विचलन नहीं होगा — चाहे वह सीमा के भीतर हो या बाहर।