दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की सख्ती ने एक बार फिर इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान खींचा है। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के स्तर-IV का सख्ती से पालन न कर पाने पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश:
- चेकपोस्ट की स्थापना:
- दिल्ली के सभी 113 एंट्री प्वाइंट्स पर चेकपोस्ट लगाने का आदेश दिया गया है।
- इन चेकपोस्ट्स पर प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को रोकने और GRAP-IV के प्रावधान लागू करने के लिए सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
- CCTV फुटेज की समीक्षा:
- कोर्ट ने कहा कि 13 एंट्री प्वाइंट्स पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज एमिकस क्यूरी को सौंपे जाएं।
- इसका उद्देश्य यह जांचना है कि प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की आवाजाही को रोकने में क्या चूक हुई।
- राज्यों की जिम्मेदारी:
- दिल्ली और एनसीआर के अन्य राज्यों से पूछा गया कि GRAP-IV को प्रभावी बनाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
- कोर्ट ने पहले भी राज्यों को स्पष्ट निर्देश दिया था कि प्रदूषण रोकने के उपायों में लापरवाही न बरती जाए।
GRAP-IV के प्रमुख प्रावधान:
GRAP-IV तब लागू होता है जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गंभीर श्रेणी में पहुंच जाता है। इसके तहत:
- निर्माण कार्यों पर पूर्ण प्रतिबंध।
- प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर कड़ी निगरानी।
- कोयले और लकड़ी के जलने पर रोक।
- उद्योगों में सख्त मानकों का पालन।
दिल्ली में प्रदूषण के कारण:
- वाहन प्रदूषण: दिल्ली में भारी वाहनों की आवाजाही प्रदूषण में बड़ा योगदान करती है।
- पराली जलाना: पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने का असर दिल्ली की हवा पर सीधा पड़ता है।
- निर्माण कार्य और धूल: निर्माण स्थलों से निकलने वाली धूल प्रदूषण को बढ़ाती है।
- उद्योग और पावर प्लांट: दिल्ली और एनसीआर में उद्योगों से निकलने वाला धुआं एक अन्य बड़ा कारण है।
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती का महत्व:
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए जिम्मेदार एजेंसियां अपनी भूमिका में विफल रहती हैं, तो उन्हें जवाबदेह ठहराया जाएगा। इसके अलावा, यह कदम आम जनता के स्वास्थ्य और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है।
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और एनसीआर के राज्य मिलकर इस दिशा में प्रभावी कार्यवाही कर पाते हैं या नहीं।
घूस लेकर दिल्ली में ट्रकों की एंट्री करा रही पुलिस
याचिका कर्ता ने कोर्ट से शिकायत की कि पुलिस घूस लेकर ट्रकों की एंट्री दिल्ली में करा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से कहा कि दिल्ली के सभी 113 एंट्री प्वाइंट पर पुलिस अधिकारियों को तैनात करने को कहेंगे। साथ ही दिल्ली लीगल सर्विस अथॉरिटी के वॉलेंटियर्स को निगरानी का जिम्मा देंगे। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि दिल्ली में एंट्री करने वाले ट्रकों में वास्तव में आवश्यक सामान ले जा रहे हैं या नहीं, इसके लिए क्या व्यवस्था की गई है। जबकि ग्रेप IV में कहा गया है कि आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले ट्रकों को छोड़कर बाकी सभी ट्रकों को रोक दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आपके पास लिस्ट नहीं है तो इसका मतलब है कि कोई जांच नहीं हो रही है। हलफनामे में ट्रकों की एंट्री को रोकने के लिए क्या उपाय किए गए हैं, इसका भी जिक्र नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को आदेश दिया कि दिल्ली के सभी 113 एंट्री प्वाइंट पर चेकपोस्ट बनाएं।
कोर्ट ने क्या कहा?
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा, ‘‘हमारे लिए यह मान लेना बहुत मुश्किल है कि दिल्ली में ट्रकों का प्रवेश रोक दिया गया है।’’ दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने पीठ को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में कुल 113 प्रवेश बिंदु हैं जिनमें से 13 ट्रकों के लिए हैं। न्यायालय ने प्रदूषण में चिंताजनक वृद्धि रोकने के लिए कड़े कदम उठाने में देरी पर नाराजगी जाहिर करते हुए दिल्ली-एनसीआर राज्यों को ग्रैप-4 के तहत प्रतिबंध लागू करने के लिए तुरंत टीम गठित करने का निर्देश 18 नवंबर को दिया था और कहा था कि अगला आदेश दिए जाने तक ये प्रतिबंध लागू रहेंगे।
दिल्ली की हवा ‘बेहद खराब’ श्रेणी में
दिल्ली में शुक्रवार सुबह धुंध छाई रही और वायु गुणवत्ता ‘‘बेहद खराब’’ श्रेणी में बनी रही। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 373 दर्ज किया गया। दिल्ली के 38 निगरानी केंद्रों में से नौ में एक्यूआई ‘‘गंभीर’’ श्रेणी में दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, ये केंद्र आनंद विहार, बवाना, जहांगीरपुरी, मुंडका, नेहरू नगर, शादीपुर, सोनिया विहार, विवेक विहार और वजीरपुर हैं। चार सौ या इससे अधिक एक्यूआई को ‘‘गंभीर’’ श्रेणी में माना जाता है और इससे स्वास्थ्य को गंभीर खतरा हो सकता है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता रविवार को पहली बार ‘‘अत्यंत गंभीर’’ श्रेणी को पार कर गई, जिसके बाद सोमवार सुबह ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के तहत चरण चार के प्रतिबंध लागू किए गए। इन उपायों में निर्माण और तोड़ फोड़ की गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध, स्कूल बंद करना तथा वाहनों पर सख्त प्रतिबंध शामिल हैं।