मनजिंदर सिंह सिरसा को दिल्ली कैबिनेट में मंत्री बनाए जाने के पीछे कई अहम राजनीतिक कारण हैं। बीजेपी उन्हें एक प्रमुख सिख चेहरे के रूप में पेश कर रही है, खासकर दिल्ली और पंजाब की राजनीति को ध्यान में रखते हुए।
मनजिंदर सिंह सिरसा: राजनीतिक सफर और महत्व
- दिल्ली विधानसभा में नई एंट्री:
- पहली बार राजौरी गार्डन से बीजेपी के विधायक बने हैं।
- इससे पहले दो बार अकाली दल के टिकट पर विधायक रह चुके हैं।
- सिख राजनीति में प्रभाव:
- 2013 और 2017 में दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी (DSGMC) के अध्यक्ष रहे।
- सिख समुदाय में मजबूत पकड़ रखने वाले नेता माने जाते हैं।
- बीजेपी में एंट्री:
- 2021 में शिरोमणि अकाली दल (SAD) छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए।
- 2023 में बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव बने।
- चुनाव जीत और प्रभाव:
- 2025 दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की विधायक धनवती चंदेला को 18,190 वोटों से हराया।
- उनकी कुल संपत्ति ₹248.9 करोड़ है और उन्होंने 12वीं तक पढ़ाई की है।
#WATCH | BJP's Manjinder Singh Sirsa takes oath as a minister in CM Rekha Gupta-led Delhi Government. pic.twitter.com/YNg5FInMoR
— ANI (@ANI) February 20, 2025
बीजेपी ने क्यों मंत्री बनाया?
- दिल्ली में सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व: बीजेपी चाहती थी कि उसकी सरकार में सिख समुदाय का भी एक मजबूत चेहरा हो।
- मोदी से करीबी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी गुरुद्वारों में जाते हैं, सिरसा अक्सर उनके साथ देखे जाते हैं।
- पंजाब चुनाव की तैयारी:
- 2027 के पंजाब विधानसभा चुनाव में बीजेपी अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है।
- किसान आंदोलन के बाद बीजेपी की स्थिति पंजाब में कमजोर हुई, ऐसे में सिरसा सिख वोटरों को साधने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
क्या यह रणनीति कारगर होगी?
बीजेपी की यह रणनीति दिल्ली के सिख मतदाताओं को लुभाने और 2027 के पंजाब चुनाव के लिए माहौल बनाने की कोशिश लगती है। सिरसा की भूमिका दिल्ली से आगे बढ़कर पंजाब में भी महत्वपूर्ण हो सकती है।