दिल्ली वक्फ बोर्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी नेता अमानतुल्लाह खान गुरुवार सुबह 11 बजे ED दफ्तर पहुंचे।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने 18 अप्रैल को ED के सामने पेश होने का आदेश दिया था।
ईडी के नोटिस पर Amanatullah Khan के पेश ना होने पर निचली अदालत भी समन जारी कर चुकी है। इसके साथ ही ईडी, अमानतुल्लाह खान का गैर जमानती वारंट जारी करने की भी मांग कर चुकी है।
अमानतुल्लाह खान पर है ये आरोप
अमानतुल्लाह खान पर आरोप है कि दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने 32 लोगों को अवैध रूप से भर्ती किया। इसके साथ ही उसने अवैध रूप से दिल्ली वक्फ बोर्ड की कई संपत्तियों को किराए पर दिया है।
ये भी आरोप लगाया गया है कि उसने दिल्ली वक्फ बोर्ड के धन का दुरुपयोग किया है। जिसके बाद खान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज किया गया था।
ईडी के 6 समन भेजने पर पेश नहीं हुए थे अमानतुल्लाह खान
ईडी की तरफ से विधायक अमानतुल्लाह खान को छह समन भेजे गए थे. समन मिलने के बाद भी अमानतुल्लाह खान ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे. उनकी तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई गई थी, जिसे कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि विधायक होने के आधार पर आपको कोई छूट नहीं दी सकती. कानून सबके लिए बराबर होता है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि ईडी के समन को बार-बार नजरअंदाज करना गलत है.
कौन हैं अमानतुल्ला खान?
ओखला से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान का जन्म उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुआ था. 2015 के विधानसभा चुनाव में अमानतुल्लाह खान ने भारतीय जनता पार्टी के ब्रह्म सिंह को 60 हजार से ज्यादा वोटों से हराकर जीत हासिल की थी. आम आदमी पार्टी में शामिल होने से पहले अमानतुल्लाह खान ने लोक जन शक्ति पार्टी की टिकट पर 2013 में चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
2020 में आम आदमी पार्टी ने ओखला से अमानतुल्ला खान को फिर से मैदान में उतारा था इस चुनाव में उनकी जीत हुई. अमानतुल्ला खान अक्सर विवादों में घिरे रहे हैं. विधानसभा में अक्सर वे विपक्षी दलों के निशाने पर रहे हैं.