प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की अहम बैठक में प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना को मंजूरी दी गई। यह योजना देश के मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई है, ताकि कोई भी छात्र वित्तीय बाधाओं के कारण उच्च शिक्षा से वंचित न रह सके।
यह योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से जुड़ी एक अहम पहल है, जिसमें सिफारिश की गई थी कि सार्वजनिक और निजी दोनों प्रकार के उच्च शिक्षा संस्थानों में मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जानी चाहिए। इसका उद्देश्य छात्रों के शिक्षा में कोई रुकावट न आए, और उन्हें उच्च शिक्षा हासिल करने का पूरा अवसर मिले।
इस पहल से छात्रों को उनके शैक्षिक सपनों को पूरा करने के लिए जरूरी आर्थिक समर्थन मिल सकेगा, जो उनके भविष्य की दिशा तय करने में मदद करेगा।
पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत, क्वालिटी हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन (QHEI) में एडमिशन लेने वाले छात्रों को बिना किसी जमानत या गारंटर के लोन प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी। यह लोन छात्रों को पाठ्यक्रम की ट्यूशन फीस और अन्य खर्चों को कवर करने के लिए उपलब्ध होगा।
Universalising access to 21st century higher education for India’s talented youth is PM Modi’s guarantee.
Hon’ble PM @narendramodi ji’s approval to #PMVidyalaxmi with an outlay of ₹3,600 crore will remove obstacles to higher education and enable our yuva shakti to pursue their… pic.twitter.com/EYXo2xH8Bx
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) November 6, 2024
यह योजना छात्रों के लिए आसान, पारदर्शी (ट्रांसपैरेंट), और स्टूडेंट फ्रेंडली होगी। इसे डिजिटल और इंटर-ऑपरेबल (अंतर-संचालनीय) तरीके से संचालित किया जाएगा, जिससे छात्रों को प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
इस योजना का उद्देश्य छात्रों के लिए वित्तीय सहायता को और अधिक सुलभ बनाना है, ताकि वे उच्च शिक्षा प्राप्त करने में अपने आर्थिक संकोच को खत्म कर सकें और अपने शैक्षिक लक्ष्यों को हासिल कर सकें।
10 लाख रुपये तक के लोन पर मिलेगी 3 प्रतिशत ब्याज की छूट
पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत, 7.5 लाख रुपये तक के लोन के लिए छात्र 75% क्रेडिट गारंटी के पात्र होंगे, जो बकाया डिफॉल्ट पर लागू होगी। इससे बैंकों को एजुकेशन लोन देने में मदद मिलेगी, क्योंकि लोन के लिए एक गारंटी का कवर रहेगा, जिससे बैंकों को जोखिम कम महसूस होगा और वे छात्रों को लोन देने में और अधिक सहज होंगे।
इसके अलावा, यदि किसी छात्र की सालाना पारिवारिक आय 8 लाख रुपये या इससे कम है और वह किसी अन्य सरकारी छात्रवृत्ति या ब्याज छूट योजना के तहत लाभ के लिए पात्र नहीं है, तो उसे मॉरेटोरियम पीरियड (लोन चुकाने की अवधि में छूट) के दौरान 10 लाख रुपये तक के लोन पर 3 प्रतिशत ब्याज छूट दी जाएगी।
यह पहल छात्रों को न केवल उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद करेगी, बल्कि उन्हें वित्तीय बोझ को कम करने के लिए अतिरिक्त राहत भी प्रदान करेगी।
पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत, ब्याज छूट सहायता हर साल एक लाख छात्रों को दी जाएगी। इन छात्रों को प्राथमिकता दी जाएगी जो सरकारी संस्थानों से हैं और जिन्होंने टेक्निकल या प्रोफेशनल कोर्स को चुना है, क्योंकि ये कोर्स छात्रों को रोजगार और भविष्य में अच्छे करियर की दिशा में मदद करते हैं।
इस योजना पर सरकार वित्त वर्ष 2024-25 से 2030-31 तक कुल 3600 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इस अवधि के दौरान 7 लाख नए छात्रों को इस ब्याज छूट का लाभ मिलने की उम्मीद है, जिससे उनके लिए उच्च शिक्षा को सुलभ और सस्ती बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है।
यह योजना छात्रों के वित्तीय बोझ को कम करने के साथ-साथ, उन्हें शिक्षा प्राप्त करने के लिए बेहतर अवसर भी प्रदान करेगी, खासकर उन छात्रों के लिए जो सरकारी संस्थानों में पढ़ाई कर रहे हैं और जिन्होंने उच्च स्तर के तकनीकी या पेशेवर पाठ्यक्रमों का चयन किया है।