समाजवादी पार्टी में मुरादाबाद व बागपत की तरह मेरठ हापुड़ लोकसभा सीट से दूसरी बार प्रत्याशी बदला गया है। अब सुनीता वर्मा को टिकट दिया गया है। दूसरी ओर अतुल प्रधान का कहना की पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का निर्णय उन्हें मंजूर है। उन्होंने अपने त्यागपत्र देने से संबंधित चर्चाओं को अफवाह बताया है।
मेरठ हापुड़ लोकसभा सीट पर 2 सप्ताह पहले भानु प्रताप का नाम प्रत्याशी के रूप में घोषित किया। भानु प्रताप को बाहरी बताते हुए पार्टी के पदाधिकारी ने विरोध किया। कुछ ने अपना त्यागपत्र भी दे दिया। बाद में यह नेता लखनऊ गए और राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के समक्ष अपना पक्ष रखा।
अतुल के नामांकन फाइल करते ही प्रत्याशियों को बदलने की चर्चा
2 दिन पहले भानु प्रताप का टिकट काट दिया गया और अतुल प्रधान को सिंबल आवंटित कर दिया गया। अतुल प्रधान ने बुधवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। नामांकन पत्र दाखिल होते ही सोशल मीडिया पर सपा के प्रत्याशियों को बदलने की चर्चा शुरू हो गई, अतुल प्रधान लखनऊ पहुंच गए।
जो राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी का निर्णय है, वो स्वीकार है ! जल्द ही साथियों से बैठकर बात करेंगे ! #जय_भीम #जय_समाजवाद #इंक़लाब_ज़िंदाबाद
— Atul Pradhan (@atulpradhansp) April 4, 2024
त्यागपत्र की चर्चा अतुल प्रधान ने बताया अफवाह
मंथन के बाद अतुल प्रधान का टिकट काटकर पूर्व महापौर व पूर्व विधायक योगेश वर्मा की धर्मपत्नी सुनीता वर्मा को प्रत्याशी घोषित कर दिया गया। पार्टी के इस निर्णय को लेकर सोशल मीडिया पर अतुल प्रधान के त्यागपत्र देने की चर्चा होने लगी। अब बातचीत में अतुल प्रधान ने स्पष्ट किया है, कि यह सब अफवाह है।
बदायूं सीट पर भी सपा बदलेगी उम्मीदवार!
इससे पहले बदायूं सीट से भी शिवपाल यादव की जगह उनके बेटे आदित्य यादव को टिकट देने की चर्चा तेज है। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलन में बदायूं लोकसभा क्षेत्र से शिवपाल सिंह यादव की जगह उनके बेटे आदित्य यादव को उम्मीदवार बनाये जाने का प्रस्ताव पारित किया है। शिवपाल सिंह यादव ने इसकी पुष्टि की है। शिवपाल सिंह यादव से जब सवाल किया गया कि चर्चा चल रही है कि आदित्य यादव बदायूं से चुनाव लड़ेंगे तो उन्होंने कहा, ‘‘सम्मेलन में तो प्रस्ताव पारित कर दिया गया है। सम्मेलन में कार्यकर्ताओं ने प्रस्ताव पारित कर दिया है। अब यह प्रस्ताव राष्ट्रीय नेतृत्व के पास जाएगा, राष्ट्रीय नेतृत्व की सहमति बननी चाहिए।’’