भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हाल ही में 9 राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी है, जिसमें मध्य प्रदेश से हेमंत कुमार खंडेलवाल, महाराष्ट्र से रवींद्र चव्हाण, आंध्र प्रदेश से पीवीएन माधव और तेलंगाना से एन रामचंदर राव जैसे नाम शामिल हैं। इसके साथ ही पार्टी ने अब तक 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में संगठनात्मक नियुक्तियों की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है।
भाजपा के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले कम से कम 19 राज्यों में अध्यक्षों की नियुक्ति जरूरी होती है, जो अब हो चुकी है। इसके बावजूद, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव फिलहाल टल सकता है, क्योंकि पार्टी का ध्यान फिलहाल उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, दिल्ली और हरियाणा जैसे राज्यों के आगामी चुनावों पर केंद्रित है। इन राज्यों में चुनावों के बाद ही राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व परिवर्तन की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना जताई जा रही है।
कुछ प्रमुख बिंदु:
- मध्य प्रदेश: हेमंत खंडेलवाल की नियुक्ति से भाजपा ने वैश्य समुदाय को साधा है। वे सीएम मोहन यादव के करीबी माने जाते हैं और आरएसएस में अच्छी पकड़ रखते हैं।
- महाराष्ट्र: रवींद्र चव्हाण को अध्यक्ष बनाकर फडणवीस गुट को संतुलन देने की कोशिश की गई है।
- उत्तराखंड और हिमाचल: इन दोनों राज्यों में पार्टी ने महेंद्र भट्ट और राजीव बिंदल को दोबारा अध्यक्ष बनाया है, ताकि संगठन में निरंतरता बनी रहे।
- तेलंगाना: एन रामचंदर राव की नियुक्ति के बाद राजा सिंह ने पार्टी छोड़ दी, जिससे संगठन में हलचल मच गई।
- राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव: संभवतः 2025 की शुरुआत में होगा, जब इन राज्यों में राजनीतिक गतिविधियां कुछ स्थिर हो जाएंगी।
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