लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार में सीटों के बंटवारे को लेकर इंडी गठबंधन में फॉर्मूला तय हो गया है। बिहार में आरजेडी कांग्रेस को 8 सीटें देना चाहती थी, लेकिन अब समझौते के तहत कांग्रेस के खाते में 9 सीटें गई हैं। वहीं राजद 26 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वही अन्य दलों की अगर बात करें तो सीपीआईएमएल 3, सीपीआई 1 और सीपीएम 1 सीट पर लोकसभा चुनाव लड़ने वाली है। इस समझौते के तहत कन्हैया कुमार और पप्पू यादव के हाथ केवल मायूसी ही लगी है। चलिए आपको बताते हैं कि बिहार की किस सीट से कौन सी पार्टी चुनाव लड़ने जा रही है।
किसे मिली कौन सी सीट
राष्ट्रीय जनता दल के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में महागठबंधन में सीट शेयरिंग फॉर्मूला के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सीपीआई को बेगूसराय सीट दी गई है, जबकि सीपीएम को खगड़िया सीट मिली है। वहीं, भाकपा-माले को आरा, काराकाट और नालंदा की सीटें दी गई हैं। सिद्दीकी ने बताया कि कांग्रेस किशनगंज, कटिहार, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, पश्चिमी चंपारण, पटना साहिब, सासाराम, महाराजगंज और समस्तीपुर की सीटों पर चुनाव लड़ेगी। राष्ट्रीय जनता दल के खाते में गया, नवादा, जहानाबाद, औरंगाबाद, बक्सर,पाटलिपुत्र,मुंगेर, जमुई, बांका, बाल्मीकि नगर, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, वैशाली, सारण सिवान,गोपालगंज, उजियारपुर, दरभंगा, मधुबनी, झंझारपुर, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णिया, अररिया और हाजीपुर की सीटें आई हैं।
#WATCH | Lok Sabha elections 2024 | RJD, Congress and Left leaders hold a joint press conference and announce seat allocation
RJD to field its candidates on 26 seats, including on Purnea and Hajipur.
Congress on 9 seats, including Kishanganj and Patna Sahib
Left on 5 seats… pic.twitter.com/ThgLLjERA0
— ANI (@ANI) March 29, 2024
पप्पू और कन्हैया के हाथ आई मायूसी
कांग्रेस को पूर्णिया की सीट मिलते ही साफ हो गया कि अब यहां से पार्टी के टिकट पर पप्पू यादव का चुनाव लड़ना असंभव है। बता दें कि पप्पू यादव बार-बार इस सीट से चुनाव लड़ने की बात कह रहे थे। उन्होंने कहा था कि वह दुनिया छोड़ सकते हैं लेकिन पूर्णिया नहीं। सीटों के बंटवारे के बाद अब माना जा रहा है कि पप्पू यादव पूर्णिया से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। वहीं, बेगूसराय की सीट सीपीआई के खाते में गई है इसलिए कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार की भी यहां से चुनाव लड़ने की उम्मीदें अब खत्म हो गई हैं।