एक्ट्रेस शिवांगी जोशी टीवी इंडस्ट्री की पॉपुलर एक्ट्रेस हैं. उन्होंने ये रिश्ता क्या कहलाता है में नायरा का रोल निभाकर फेम पाया था. इसके बाद वो बालिका वधू में नजर आई थीं. उन्होंने खतरों के खिलाड़ी में भी हिस्सा लिया था. शिवांगी को ये मुकाम पाने में बहुत मेहनत लगी है. आइए उनकी स्ट्रगल जर्नी पर डालते हैं एक नजर…
इंटरव्यू में शिवांगी जोशी ने अपने स्ट्रगल के दिनों को याद किया था. शिवांगी ने कहा था, ‘मेरे साथ खराब ट्रीटमेंट हुआ. मैंने भेदभाव भी झेला है. मैंने जब डेब्यू किया था, वहां कई ऐसे सीनियर एक्टर्स थे, जो नए फेस को एप्रिशिएट नहीं करते हैं. मुझे शूटिंग की भाषा नहीं आती थी. उस वक्त मुझे ज्यादा कुछ पता नहीं था. कुछ सीनियर एक्टर्स ने ये शिकायत भी की थी कि मुझे कुछ नहीं आता और मुझे शूट पर आने से पहले सीखकर आना चाहिए था. ऐसी बहुत सारी चीजें थीं. लेकिन मुझे पता है कि कैसा लगता है जब किसी के साथ ऐसा ट्रीटमेंट होता है.’
‘मेरे डेब्यू शो में, मुझे याद है कि मुझे जूनियर आर्टिस्ट के साथ वैनिटी में बैठाया जाता था. बाद में मुझे ये एहसास हुआ कि ये मुझे जो ट्रीटमेंट मिल रहा है वो ठीक नहीं है. मुझे लगता है कि कई एक्टर्स ने ये झेला है. मुझे पता है कि ये कैसा लगता है. अगर मैं किसी नए एक्टर के साथ काम कर रही होती हूं तो मैं उसके साथ ऐसा व्यवहार नहीं करती हूं. मैं उन्हें मोटिवेट करती हूं.’
आगे उन्होंने बताया था, ‘रियल रहना आसान है, लेकिन समय के साथ आप मुसीबत में पड़ सकते हैं. इसलिए मैं ज्यादा बात नहीं करती और कॉन्ट्रोवर्सी से दूर रहती हूं. मेरे इंट्रोवर्ट नेचर की वजह से, लोगों ने ये भी समझा कि मैं एरोगेंट, रूड हूं. मेरे अंदर एटीट्यूड है. मुझे आज भी याद है मैं एक मुश्किल सीन कर रही थी और मैं बाइट नहीं दे पाई. तो मीडिया ने लिखा कि मेरे अंदर एटीट्यूड है.’
‘एक समय ऐसा भी था जब मैं लीड नहीं थी शो में और मीडिया ने मेरा इंटरव्यू नहीं लिया. इससे मेरा दिल टूट गया और मुझे बहुत बुरा लगा. हालांकि, ऐसे कई इंटरव्यू भी हैं जहं मीडिया ने सपोर्ट किया. सभी की अपनी जर्नी होती है और सक्सेसफुल करियर के लिए थोड़ी कड़वाहट जरुरी है.