हरियाणा के मेवात क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नूहं जिले में सोमवार (31 जुलाई 2023) को हिंदुओं के ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा पर कट्टरपंथी मुस्लिमों द्वारा हमला कर दिया गया। इस हमले में कई लोग मारे गए। वहीं, दर्जनों गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। इस हिंसा के पीछे की कहानी एक-एक करके सामने आ रही है।
हिंसा के प्रत्यक्षदर्शी लोगों ने बताया कि किस तरह हिंसा को अंजाम दिया गया और उन्मादी भीड़ की वास्तविक मंशा क्या थी। कहा जा रहा है कि हिंदुओं पर हमले के दौरान एके-47 से भी फायरिंग की गई थी। कई लोगों ने बताया कि 14 साल छोटे-छोटे बच्चे भी फायरिंग कर रहे थे।
ऐसा ही एक और वीडियो सामने आया है, जिसमें हरियाणा पुलिस का एक घायल कर्मी नूूहं दंगों को लेकर जानकारी दे रहा है। वीडियो में उस शख्स के सिर पर पट्टी बंधी और उसके आसपास अन्य पुलिसकर्मी खड़े हैं। अंकुर सिंह नाम के एक ट्विटर यूजर ने इस वीडियो को शेयर किया है।
वीडियो में पुलिसकर्मी कहता दिख रहा है, “शोभायात्रा नॉर्मल चल रही थी। इसके बाद एकदम से भीड़ हुई और पथराव शुरू हो गया। बजरंग दल वाले निकल रहे थे, उसके बाद एकदम ये निकलना शुरू हुए… मोहम्मडन (मुस्लिम)। उन्होंने एक रैली सी निकालनी शुरू कर दी। बजरंग दल वाले आ रहे थे वापिस, जाने के लिए उस टाइम।”
बताते चलें कि मेवात (Mewat, Haryana) में सोमवार (31 जुलाई 2023) को भारी हिंसा हुई। हिंसा में 2 होमगार्ड जवानों और एक नागरिक की हत्या कर दी गई। घायलों की संख्या 60 से अधिक बताई जा रही है, जिनमें दर्जनों पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। पुलिस सहित ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा में शामिल लोगों के 30 से अधिक वाहनों को या तो तोड़ डाला गया है या जला दिया गया।
तनाव को देखते हुए नूहं, गुरुग्राम, रेवाड़ी और फरीदाबाद में धारा 144 लागू कर दी गई है। स्कूल-कॉलेजों के साथ-साथ इंटरनेट को भी बंद कर दिया गया है। दंगाइयों के बीच फँसे लोगों को बचाकर नूहं पुलिस लाइन लाया गया है। बचाये गए लोगों का दावा है कि हिंसा की साजिश कम-से-कम 6 महीना पहले से रची जा रही थी।
हिन्दुओं को हरियाणा पुलिस ने नल्हड शिव मंदिर से बचाकर बाहर लाया है। बचाए गए लोगों में एक साधु के वेश वाले व्यक्ति ने बताया, “हिन्दुओं की पहली बस, जो मंदिर में जल चढ़ाकर गई, उसे 1 किलोमीटर बाद जला दिया गया। इसके बाद 14-15 और गाड़ियों को जलाया गया।”
पीड़ित ने आगे बताया कि मामले की जानकारी होने पर कुछ हिन्दू घटना के बारे में जानने गए तो उनके वाहनों को भी जला दिया गया। उन्होंने कहा कि उन पर हमले के लिए आतंकवादियों द्वारा प्रयोग किए जाने वाले AK 47 का इस्तेमाल किया गया था। एक अन्य पीड़ित ने कहा, “प्राचीन शिव मंदिर 3 तरफ से पहाड़ों से घिरा है। तीनों तरफ से गोलियाँ चलीं।”