हरियाणा में तीन निर्दलीय विधायकों की तरफ से समर्थन वापसी के ऐलान के बाद सीएम नायब सिंह सैनी की सरकार मुश्किल में आ गई है. इस बीच बीजेपी की सहयोगी रह चुकी जननायक जनता पार्टी (JJP) के नेता दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर फ्लोर टेस्ट की मांग की है.
इसी तरह की मांग कांग्रेस के नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी उठाई. कांग्रेस और जेजेपी की इस मांग पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरुवार (9 मई) को कहा कि ये लोग मुंगेरी लाल के सपने देखते रहते हैं.
#WATCH करनाल: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा, "…ये(कांग्रेस) लोग मुंगेरी लाल के सपने देखते रहते हैं। काम इन्होंने किए नहीं और जनता ने इन्हें नकार दिया है… जब भी कांग्रेस पार्टी सत्ता में आती है तो भ्रष्टाचार की गति बढ़ जाती है… लोगों को प्रताड़ित करने का काम… pic.twitter.com/l8xr2zHUzA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 9, 2024
सीएम ने क्या कुछ कहा?
सीएम सैनी ने कहा, ”काम इन्होंने (कांग्रेस) किए नहीं और काम नहीं किया तो जनता ने इन्हें नकार दिया है. जब जनता ने नकार दिया है तो ये लोग सत्ता में नहीं आने वाले हैं. जब भी कांग्रेस पार्टी सत्ता में आती है तो भ्रष्टाचार की गति बढ़ जाती है. लोगों को प्रताड़ित करने का काम कांग्रेस वाले करते हैं. लोग इनकी बातों में नहीं आने वाले हैं. आने वाले समय में जब विधानसभा के चुनाव होंगे तो बड़ी संख्या के साथ राज्य में तीसरी बार बीजेपी की सरकार आएगी. लोकसभा चुनाव में हम सभी 10 सीटें जीतेंगे.”
बता दें कि हरियाणा के तीन निर्दलीय विधायकों ने सात मई को सैनी सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान किया था और कहा था कि वो कांग्रेस का समर्थन करेंगे.ये निर्दलीय विधायक हैं सोमबीर सांगवान (दादरी), रणधीर सिंह गोलन (पुंडरी) और धर्मपाल गोंदर (नीलोखेड़ी). इनके ऐलान के साथ ही नायब सिंह सैनी सरकार अल्पमत में आ गई.
दुष्यंत चौटाला ने क्या कहा?
बता दें कि मार्च महीने में ही बीजेपी ने जेजेपी से गठबंधन तोड़ दिया था और मनोहर लाल खट्टर को सीएम पद से हटाकर नायब सिंह सैनी को इसकी कमान दी. खट्टर सरकार में दुष्यंत चौटाला उपमुख्यमंत्री थे.
अब चौटाला ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दुष्यंत चौटाल ने कहा, ”प्रदेश में वर्तमान राजनीतिक परिस्थितिओं को देखते हुए यह स्पष्ट है कि वर्तमान राज्य सरकार अल्पमत में है. इसे देखते हुए मैंने हरियाणा के महामहिम राज्यपाल महोदय को पत्र लिखकर विधानसभा का सत्र बुलाकर फ्लोर टेस्ट की मांग की है. हम मौजूदा सरकार का समर्थन नहीं करते हैं और हरियाणा में किसी भी दूसरे राजनीतिक दल (कांग्रेस) द्वारा सरकार बनाने में समर्थन के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं.”
क्या बोली कांग्रेस?
वहीं पूर्व सीएम भूपेंद्र सिहं हुड्डा के बेटे और सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने गुरुवार को कहा कि हरियाणा में जिस तरह से 3 निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस लेकर कांग्रेस को समर्थन दिया है, उससे यहां सरकार अल्पमत में आ गई है. अल्पमत सरकार को कोई नैतिक अधिकार नहीं है. इस सरकार को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए. अगर वह इस्तीफा नहीं देते हैं तो राज्यपाल को मामले का संज्ञान लेना चाहिए और हरियाणा में राष्ट्रपति शासन लगाकर चुनाव कराना चाहिए.