विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मोटापा कम करने में कारगर मानी जाने वाली दवा ओजेंपिक के नकली वर्जन को लेकर चेतावनी जारी की है. यह दवा मुख्य रूप से टाइप-2 डायबिटीज के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाती है, लेकिन वजन घटाने में भी कारगर होने के कारण इसे ‘स्किनी जैब’ के नाम से भी जाना जाता है.
WHO का कहना है कि ये नकली दवाइयां लोगों के सेहत के लिए खतरा बन सकती हैं. डब्ल्यूएचओ ने लोगों को सलाह दी है कि वे इस दवा को केवल प्रतिष्ठित सोर्स (जैसे डॉक्टर) से ही प्राप्त करें, न कि अज्ञात ऑनलाइन साइटों या सोशल मीडिया के जरिए.
ओजेंपिक का मुख्य तत्व सेमैग्लुटाइड है, जो टाइप-2 डायबिटीज से ग्रस्त लोगों को उनके ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है. हालांकि, यह इंजेक्शन दिमाग को संकेत भी देता है कि हमारा पेट भर चुका है. इसलिए यह दवा खाने की इच्छा को कम करके वजन घटाने में भी मददगार होती है. टाइप-2 डायबिटीज से ग्रस्त न होने के बावजूद कुछ लोग सिर्फ वजन कम करने के लिए इस दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके चलते टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों के लिए दवा की कमी हो गई है और साथ ही नकली दवाओं का बाजार भी खड़ा हो गया है.
Taking falsified medicines can harm your health. They may contain:
❌ no or incorrect amount of active ingredient
❌ the wrong active ingredient
These medicines won’t treat or prevent disease & may cause harmful side effects. Only purchase 💊 from authorized pharmacies.
— World Health Organization (WHO) (@WHO) June 20, 2024
WHO का कहना है कि वह 2022 से ही दुनिया भर में नकली ओजेंपिक के बढ़ते मामलों पर नजर रख रहा है. अब तक ब्रिटेन, अमेरिका और ब्राजील में नकली दवाओं के जखीरे पकड़े गए हैं.
स्वास्थ्य खतरे
WHO की अनिवार्य दवाइयों और हेल्थ प्रोडक्ट्स की असिस्टेंट डायरेक्टर जनरल डॉ. युकीको नाकातानी का कहना है कि हम हेल्थ केयर प्रोफेशनल, रेगुलेटरी अथॉरिटी और जनता को इन नकली दवाओं के बारे में जागरूक रहने की सलाह देते हैं. डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि कुछ नकली इंजेक्शन में शायद सेमैग्लुटाइड बिल्कुल न हो या फिर उनमें इंसुलिन जैसी अन्य दवाएं हो सकती हैं, जिसके कारण लोगों की सेहत पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है.