हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने तबाही मचा दी है, जिससे पूरे राज्य में हाहाकार मचा हुआ है। अब तक इन घटनाओं में 72 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 37 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। राज्य के विभिन्न हिस्सों में बादल फटने की लगभग 19 घटनाएं सामने आई हैं, जिनके बाद अचानक आई बाढ़ ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है।
हालात को देखते हुए मौसम विभाग ने आगामी 6 जुलाई के लिए तीन जिलों में रेड अलर्ट और अन्य जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिससे लोगों की चिंता और बढ़ गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि सरकार पूरी तरह से सतर्क है और राहत-बचाव कार्यों में तेजी लाई जा रही है। मंडी जिले के प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री खच्चरों के माध्यम से पहुंचाई जा रही है और कई सड़कों को खोलने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और पीडब्ल्यूडी मंत्री स्वयं प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हालात का जायजा ले रहे हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा है कि मौसम साफ होते ही वे स्वयं भी एक बार फिर दौरे पर जाएंगे। मंडी जिले का सिराज विधानसभा क्षेत्र, जो पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का निर्वाचन क्षेत्र है, सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। यहां अब तक लगभग 15 लोगों की मौत हो चुकी है और 30 से ज्यादा लोग लापता हैं। जयराम ठाकुर ने सरकार से आग्रह किया है कि सड़कों को जल्द से जल्द खोला जाए और जरूरतमंदों को तत्काल राशन और मदद पहुंचाई जाए। इस प्राकृतिक आपदा ने राज्य में जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है और प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है।
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