प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार (2 मई, 2025) को केरल के तिरुवनंतपुरम में विझिंजम पोर्ट को देश को समर्पित किया। पीएम मोदी के साथ इस दौरान केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और इस पोर्ट को चलाने वाली कंपनी अडानी पोर्ट्स के मुखिया गौतम अडानी मौजूद रहे। पीएम मोदी ने इस पोर्ट को विकास के नए युग का प्रतीक बताया। पीएम मोदी ने लोकार्पण में इस नए पोर्ट से देश को होने वाले फायदे भी गिनाए और बताया कि कैसे बीते 10 वर्षों में देश में लगातार समुद्री यातायात को लेकर बदलाए लाए गए हैं।
Inauguration of the Vizhinjam Port in Kerala is significant for India’s maritime sector. People have been waiting for this port for many years. It will boost trade, commerce and will be particularly beneficial for Kerala’s economy.
Here are glimpses from today’s programme in… pic.twitter.com/T1QQ00AvSA
— Narendra Modi (@narendramodi) May 2, 2025
पीएम मोदी ने जिस विझिंजम पोर्ट का उद्घाटन किया है उसके लिए बीते तीन दशकों से अधिक समय से प्रयास चल रहे थे। हालाँकि, इसे पूरा मोदी सरकार के अंतर्गत ही किया जा सका। यह भारत का पहला गहरे पानी वाला पोर्ट भी होने वाला है। इसके अलावा यह केरल की अर्थव्यवस्था को तेज रफ्तार देने वाला है। पीएम मोदी ने बताया है कि इससे आने वाले समय में देश का राजस्व भी बचेगा और इस पोर्ट का और भी विस्तार किया जाएगा।
विझिंजम पोर्ट भारत के समुद्री इतिहास में एक बड़ा और रणनीतिक परिवर्तन लेकर आया है। इसकी खासियतें और इसके पीछे की रणनीति भारत को न सिर्फ आर्थिक रूप से बल्कि भू-राजनीतिक दृष्टि से भी सशक्त बनाती हैं।
यहाँ इस पोर्ट को खास बनाने वाले मुख्य बिंदु दिए गए हैं:
🔹 रणनीतिक गहराई और लोकेशन
- विझिंजम पोर्ट एक डीप-वाटर पोर्ट है जहाँ समुद्र की गहराई 18-20 मीटर है।
- यह मलक्का स्ट्रेट और सुज नहर को जोड़ने वाले विश्व व्यापार मार्ग के बेहद नजदीक है, जिससे इसे विश्व स्तर पर ट्रैफिक मिलता है।
- यह भारत का पहला ट्रांसशिपमेंट हब है—जहाँ बड़े जहाज माल उतारते हैं और वह छोटे जहाजों द्वारा भारत के अन्य बंदरगाहों तक पहुँचाया जाता है।
🔹 आर्थिक लाभ
- पहले भारत को हर साल ₹1858 करोड़ विदेशी ट्रांसशिपमेंट पोर्ट्स (जैसे सिंगापुर, दुबई, कोलंबो) को देना पड़ता था।
- अब यह पैसा भारत में ही बचेगा, और स्थानीय रोजगार, बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क में लगाया जाएगा।
- प्रति कंटेनर की लागत भी घटेगी क्योंकि अब बड़े “मदर कार्गो शिप” सीधे यहाँ रुकेंगे।
🔹 आधुनिक टेक्नोलॉजी और क्षमता
- पोर्ट की 10 लाख कंटेनरों को सालाना संभालने की क्षमता है।
- इसमें 1.8 किलोमीटर लंबा बर्थ है और 32 क्रेन (जिनमें 24 ऑटोमैटिक) लगाई गई हैं।
- यह कृत्रिम ड्रेजिंग की जरूरत से मुक्त है क्योंकि तलहटी में नई बालू नहीं जमती—जो इसे लंबे समय तक किफायती बनाता है।
🔹 परिवहन और संपर्क
- यह पोर्ट रेल, सड़क और हवाई मार्गों से तिरुवनंतपुरम और भारत के अन्य हिस्सों से जुड़ा है।
- इससे माल का तेजी से वितरण संभव हो सकेगा, जिससे लॉजिस्टिक्स का समय और लागत दोनों घटेंगे।
🔹 पर्यावरणीय दृष्टिकोण
- विझिंजम पोर्ट को दुनिया का सबसे पर्यावरण अनुकूल पोर्ट भी कहा गया है।
- यहाँ के स्थानीय मछुआरे समुदायों को भी रोजगार से जोड़ा गया है।
🔹 राजनीतिक और भू-रणनीतिक संदेश
- पीएम मोदी ने इसे “नए युग का प्रतीक” बताया, और कहा कि यह भारत को वैश्विक समुद्री शक्ति बनने में मदद करेगा।
- चीन जैसे देश जहाँ “हैमबनटोटा” और अन्य बंदरगाहों पर कब्जा कर रहे हैं, उसके मुकाबले भारत ने एक स्वदेशी और आत्मनिर्भर मॉडल पेश किया है।
विझिंजम पोर्ट भारत को ट्रांसशिपमेंट निर्भरता से मुक्त करने वाला पहला बड़ा कदम है। यह भारत को मरीन लॉजिस्टिक्स, व्यापार, रणनीतिक नियंत्रण और क्षेत्रीय प्रभाव में एक नई ऊँचाई तक ले जाएगा।
क्या आप चाहेंगे कि मैं भारत के अन्य रणनीतिक बंदरगाहों की सूची और उनकी भूमिका भी साझा करूँ?