गुरु अर्जन देव जी के शहादत दिवस पर पाकिस्तान एक वार्षिक उत्सव का आयोजन करने जा रहा है। 8 से 17 जून, 2023 तक चलने वाले इस उत्सव में भारत के सिख तीर्थयात्री भी भाग लेंगे। इसी को देखते हुए नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग ने भारत के 215 सिख तीर्थयात्रियों के लिए वीजा जारी किया हैं।
इस अवसर पर पाकिस्तानी उच्चायोग के चार्ज डी अफेयर्स सलमान शरीफ ने तीर्थयात्रियों की खुशहाल यात्रा की कामना की. बता दें, इस समय में भारत में पाकिस्तान का स्थायी उच्चायुक्त नहीं है. उन्होंने आगे कहा, पाकिस्तान पवित्र धार्मिक स्थलों के संरक्षण के साथ-साथ आने वाले तीर्थयात्रियों को आवश्यक सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है.
पाकिस्तान ने कहा है कि वीजा जारी करना 1974 के धार्मिक स्थलों की यात्राओं पर द्विपक्षीय प्रोटोकॉल को पूरी तरह से लागू करने की पाकिस्तान सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है. पाकिस्तान में अपने प्रवास के दौरान, सिख तीर्थयात्री गुरुद्वारा पंजा साहिब, गुरुद्वारा ननकाना साहिब और गुरुद्वारा करतारपुर साहिब सहित कई पवित्र स्थलों का दौरा कर सकेंगे.
वहीं, इस बार शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने 10 सालों में पहली बार गुरु अर्जन देव शहीदी दिवस के मौके पर वीजा के लिए कोई आवेदन नहीं भेजा है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 से पाकिस्तान एसजीपीसी के जत्थे को वीजा देने से इनकार करता रहा है. इसके पीछे भारत में सिखों की सबसे बड़ी संस्था और पाकिस्तान शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीएसजीपीसी) के बीच नानकशाही कैलेंडर की तारीख को लेकर चल रहा विवाद प्रमुख वजह है.
एसजीपीसी के मैनेजर प्रताप सिंह ने एक्सप्रेस से कहा था, हम हर साल पासपोर्ट इकट्ठा करते थे, लेकिन पाकिस्तान हमारे अनुरोध पर विचार नहीं करता था. 2014 से ऐसा ही चल रहा है. इसलिए इस साल, SGPC के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने हमें अनुरोध नहीं भेजने के लिए कहा.