39वां विवेकानंद सेवा सम्मान समारोह: सनातन संस्कृति के संवर्धन का संकल्प
कोलकाता, 2 मार्च: श्री बड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय द्वारा 39वां विवेकानंद सेवा सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसमें स्वामी कार्तिक महाराज को उनके सनातन संस्कृति की रक्षा और समाज सेवा में योगदान के लिए विवेकानंद सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उन्हें ₹1,00,000 की राशि एवं मानपत्र प्रदान किया गया।
मुख्य वक्ताओं के विचार:
🔹 असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा:
- उन्होंने भारत की संस्कृति और सभ्यता को देश का आधार बताया।
- कहा कि जब तक हिंदू एवं सनातन संस्कृति जीवित रहेगी, तब तक भारत में लोकतंत्र सुरक्षित रहेगा।
- युवाओं से सनातन संस्कृति की प्रतिष्ठा का संकल्प लेने का आह्वान किया ताकि भारत विश्वगुरु के रूप में आगे बढ़ सके।
🔹 रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ:
- उन्होंने कहा कि “भारत माता की जय” का उद्घोष केवल एक नारा नहीं, बल्कि नए भारत के जागरण का संदेश है।
🔹 स्वामी कार्तिक महाराज:
- उन्होंने धर्म और कर्म को एक-दूसरे का पूरक बताया।
- वनवासी समाज की उपेक्षा न करने, बल्कि भाईचारे की भावना से उनके साथ जुड़ने का संदेश दिया।
🔹 वरिष्ठ पत्रकार बलबीर पुंज:
- उन्होंने कहा कि सनातन हमारे संस्कारों में रचा-बसा है।
- भारत को शस्त्र और शास्त्र दोनों की आवश्यकता है, ताकि संस्कृति की रक्षा और विकास संभव हो सके।
समारोह का महत्व:
यह आयोजन न केवल सनातन संस्कृति के प्रचार-प्रसार का मंच बना, बल्कि इसने भारत की आध्यात्मिक विरासत और सामाजिक समरसता को भी मजबूत करने का संकल्प लिया। स्वामी कार्तिक महाराज का सम्मान समाज सेवा और सनातन संस्कृति के लिए किए गए अद्वितीय प्रयासों का प्रमाण है।