क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में भारत ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए विश्व मंच पर शिक्षा के क्षेत्र में अपनी श्रेष्ठता का परिचय दिया है। इस प्रतिष्ठित रैंकिंग में भारत के 54 विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों ने स्थान प्राप्त किया है, जो अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है। विशेष रूप से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (IIT Delhi) ने 123वां स्थान हासिल कर भारत का शीर्ष विश्वविद्यालय बनने का गौरव प्राप्त किया है। यह उपलब्धि न केवल शैक्षिक गुणवत्ता का प्रमाण है, बल्कि भारत की बदलती वैश्विक पहचान और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की दिशा में एक सशक्त कदम भी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि, “क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी 2026 रैंकिंग हमारे शिक्षा क्षेत्र के लिए बहुत अच्छी खबर लेकर आई है। हमारी सरकार भारत के युवाओं के लाभ के लिए रिसर्च और इनोवेशन इकोसिस्टम को और मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।” इससे स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार शिक्षा क्षेत्र को राष्ट्र निर्माण के एक मजबूत आधार के रूप में देख रही है और इसी के तहत राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 जैसी पहलें लाई गई हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी इस अवसर पर कहा कि 2014 में केवल 11 भारतीय विश्वविद्यालय क्यूएस रैंकिंग में शामिल थे, जो अब बढ़कर 54 हो गए हैं। यह पांच गुना वृद्धि दर्शाती है कि बीते एक दशक में भारत के उच्च शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी सुधार किए गए हैं। मंत्री के अनुसार, एनईपी 2020 न केवल शिक्षा प्रणाली में सुधार ला रही है बल्कि एक गुणवत्ता केंद्रित, शोध प्रेरित और नवाचार-समर्थक शिक्षा ढांचे को भी स्थापित कर रही है।
The QS World University 2026 Rankings bring great news for our education sector. Our Government is committed to furthering research and innovation ecosystems for the benefit of India’s youth. https://t.co/wO11jvnr0J
— Narendra Modi (@narendramodi) June 19, 2025
इस वर्ष की रैंकिंग में भारत के 8 नए संस्थानों को शामिल किया गया है, जिससे यह देश नव प्रविष्ट संस्थानों की संख्या के मामले में विश्व में पहले स्थान पर आ गया है। वहीं, कुल संख्या के लिहाज से भारत चौथे स्थान पर है — अमेरिका (192 संस्थान), ब्रिटेन (90) और चीन (72) के बाद। यह स्थिति दर्शाती है कि भारत की शिक्षा प्रणाली तेजी से वैश्विक प्रतिस्पर्धा की ओर अग्रसर हो रही है।
IIT दिल्ली की प्रगति विशेष रूप से उल्लेखनीय रही है। इस संस्थान ने मात्र दो वर्षों में 70 से अधिक पायदानों की छलांग लगाई है — 2022 में 197वें स्थान से बढ़कर 2024 में 150वें और अब 2026 में 123वें स्थान पर पहुंच गया है। यह इंगित करता है कि भारत के प्रमुख तकनीकी संस्थान न केवल शिक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त कर रहे हैं, बल्कि वैश्विक मानकों पर अनुसंधान, नवाचार और अकादमिक प्रभाव में भी मजबूती से उभर रहे हैं।
क्यूएस की मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेसिका टर्नर ने कहा कि भारत वैश्विक उच्च शिक्षा परिदृश्य में एक विशिष्ट और उभरती हुई शक्ति बन चुका है। उनकी टिप्पणी के अनुसार, क्यूएस रैंकिंग में सबसे अधिक नए संस्थानों को जोड़ने वाला देश बनना, भारत के तेजी से विकसित होते उच्च शिक्षा नेटवर्क और उसकी अंतरराष्ट्रीय स्वीकृति को दर्शाता है।
संक्षेप में, क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में भारत का प्रदर्शन न केवल सांख्यिकीय दृष्टि से सराहनीय है, बल्कि यह भारत की शैक्षिक आत्मनिर्भरता, वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भागीदारी और ज्ञान आधारित भविष्य की ओर बढ़ते कदमों का प्रतीक है। आने वाले वर्षों में यदि यह गति बरकरार रहती है, तो भारत निश्चित रूप से वैश्विक शिक्षा महाशक्ति के रूप में उभरेगा।
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