जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार के निर्देश पर गुजरात में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। आज सुबह से अहमदाबाद के चंदोला लेक इलाके में प्रशासन ने अवैध कॉलोनियों पर बुलडोजर चलाना शुरू कर दिया है। इस बड़े अभियान में जिला प्रशासन ने 100 ट्रक, 50 बुलडोजर और 3000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की है। चंदोला लेक के 1.25 लाख स्क्वायर मीटर क्षेत्र में फैले अवैध निर्माणों को एक-एक कर ध्वस्त किया जा रहा है।
#WATCH | Ahmedabad, Gujarat: Amdavad Municipal Corporation (AMC) demolishes illegal settlements near Chandola lake
According to Sharad Singhal, Joint CP (Crime), a majority of Bangladeshis used to stay here. https://t.co/Ew1lzwsgnx pic.twitter.com/4sVzLJIT8l
— ANI (@ANI) April 29, 2025
6500 अवैध बांग्लादेशी नागरिक हिरासत में
गुजरात पुलिस ने पिछले कुछ दिनों में 6500 से भी ज्यादा अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया है, जिनमें से अहमदाबाद से 890 लोग शामिल हैं। चंदोला लेक इलाके में चल रही इस कार्रवाई का मकसद अवैध कब्जों को हटाना और घुसपैठियों पर नकेल कसना है। यह इलाका लंबे समय से अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों का गढ़ बना हुआ था, जहां मानव तस्करी और जाली दस्तावेजों का जाल फैला हुआ था। चंदोला लेक में अवैध कब्जे की शुरुआत 1970-80 के दशक में हुई, जब यहां बड़ी संख्या में प्रवासी बस्तियां बसाई गईं।
2010-2024 के बीच अवैध कब्जों में आई तेजी
2002 में एक NGO ने इस क्षेत्र में सियासत नगर नाम से बस्ती स्थापित की। 2010 से 2024 के बीच अवैध कब्जों में तेजी आई। झील की जमीन पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण किए, जिसमें अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की संख्या भी काफी थी। प्रशासन के मुताबिक, चंदोला लेक इलाके अवैध कब्जों के साथ-साथ मानव तस्करी और जाली दस्तावेजों के नेटवर्क का केंद्र बन चुका था। इसी कारण इस बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई है। अहमदाबाद में तलाशी अभियान के दौरान हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ जारी है।
व्यापक प्रभाव और संकेत:
यह कार्रवाई कई मायनों में अहम है:
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राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से केंद्र सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाती है।
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स्थानीय जमीन और संसाधनों पर अवैध कब्जे को लेकर सख्त संदेश देता है।
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मानव तस्करी और फर्जी दस्तावेजों के नेटवर्क के खिलाफ केंद्र और राज्य स्तर पर समन्वित कार्रवाई का उदाहरण बनता है।