भारत और कतर के बीच मंगलवार को हुए उच्च स्तरीय वार्ता के बाद दोनों देशों ने रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के लिए दो समझौतों और पांच समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी ने व्यक्तिगत और प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत की, जिसमें निवेश, व्यापार, और ऊर्जा सहयोग प्रमुख विषय रहे।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- रणनीतिक साझेदारी:
- भारत और कतर ने अपने संबंधों को रणनीतिक स्तर तक ले जाने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए।
- व्यापार वृद्धि का लक्ष्य:
- दोनों देशों ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना कर 28 अरब डॉलर तक पहुंचाने का निर्णय लिया। वर्तमान में यह आंकड़ा 14 अरब डॉलर है।
- कतर का भारत में निवेश:
- वार्ता में भारतीय बंदरगाहों में कतर के संभावित निवेश पर भी चर्चा हुई।
- क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय चर्चा:
- भारत और कतर ने मध्य-पूर्व की स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
- इज़राइल-हमास संघर्ष पर दोनों पक्षों ने अपने-अपने दृष्टिकोण साझा किए।
- भारतीय नागरिकों से जुड़े मुद्दे:
- अब तक 95 भारतीयों को कतर सरकार द्वारा क्षमादान दिया जा चुका है।
- कतर में अभी भी 600 भारतीय जेल में हैं, जिनकी स्थिति पर भी चर्चा हुई।
भारत और कतर के बीच इस वार्ता से दोनों देशों के संबंध और गहरे होने की संभावना है, विशेष रूप से व्यापार, ऊर्जा और निवेश के क्षेत्र में।