राजस्थान के बिजयनगर रेप कांड मामले में नए खुलासे हुए हैं। अभी तक जहाँ सिर्फ ये कहा जा रहा था कि कुछ मुस्लिम युवकों ने मिलकर हिंदू लड़कियों को फँसाने के लिए, उनका धर्मांतरण कराने के लिए अपनी गैंग बनाई तो अब पता चला है इस पूरे नेटवर्क के तार इलाके के पूर्व पार्षद हकीम कुरैशी से जुड़े थे।
हकीम कुरैशी ने ही अपने साथ अलग-अलग मुस्लिम लड़कों को जोड़ा था। इनमें कोई वेल्डिंग का काम कर रहा था तो कोई पेंटिंग का कर रहा था। किसी का काम टेंपो चलाना था तो किसी का गैराज में गाड़ी बनाना था।
23 फरवरी को पुलिस ने इस हकीम कुरैशी को गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ में उन्हें पता चला है कि पहले भी एक पीड़िता अपनी शिकायत में इसका नाम ले चुकी थी। पीड़िता ने बताया था कि हकीम ने उसे कहा था कि ये सब करना गलत नहीं है और इससे कुछ नहीं होगा, किसी को कुछ नहीं पता चलेगा। पुलिस अब इस पड़ताल में जुटी है कि कहीं हकीम इन सबके जरिए कोई अन्य प्लानिंग तो नहीं कर रहा था।
बता दें कि इस केस में गिरफ्तार आरोपितों के नाम हकीम कुरैशी के अलावा, सोहेल, रेहान, करीम, आशिक, लुकमान, अफराज, श्रवण जाट हैं। इनमें आशिक बिजयनगर का ही रहने वाला है जो इलाके में रहकर टेंपो चलाता है। इसी ने हिंदू लड़कियों को फँसाने का काम चालू किया था। इसने अपने टेंपो में बिठाकर छात्रा से दोस्ती की थी और बाद में उसे कीपैड फोन दिलाकर उससे बातें करने लगा। जब लड़की पूरी तरह जाल में फँस गई तो उसने लड़कियों से फोटो-वीडियो मँगा ली और बाद में उसे दोस्तों में साझा कर दिया।
इसके बाग सोहेल मंसूरी, रिपोर्ट बताती हैं कि ये पीड़िताओं को सबसे ज्यादा धमकाने का काम करता था। ये एक के बाद दूसरी और दूसरी के बाद तीसरी लड़की फँसा रहा था और उन्हें सबसे ज्यादा धमकाता भी यही थी। करीम खां भी टेंपो चलाता था, साथ ही लड़कियों को फँसाकर उनके साथ अश्लील चैटिंग करता था।
लुकमान वेल्डिंग का काम करता था, वहीं रेहान हमाली का काम करता था… ये लोग इतने पढ़े-लिखे नहीं थे, लेकिन लड़कियों को फँसाने के काम में माहिर थे। इनके जैसा ही अफराज भी था जिसने प्राथमिक शिक्षा भी नहीं ली थी और गैराज में काम करके गुजर-बसर करता था, मगर बात जब लड़कियों को धमकाने की आती थी तो ये लड़कियों को धर्मांतरण के लिए मजबूर करता था। इन सारे आरपितों के अलावा तीन अन्य नाबालिग और भी हैं। पुलिस ने इन सबके साथ उन्हें भी हिरासत में लिया है।