देश की कर नीति और जीएसटी व्यवस्था के संदर्भ में। इसे एक न्यूज़ रिपोर्ट या डिजिटल आर्टिकल के रूप में प्रस्तुत करना हो तो नीचे एक प्रोफेशनल प्रारूप दिया गया है, जिसे आप समाचार पोर्टल, सोशल मीडिया या बुलेटिन में उपयोग कर सकते हैं:
जीएसटी प्रणाली में बदलाव की तैयारी तेज, 20 जून को वित्त मंत्री की अहम बैठक
जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) प्रणाली में संभावित बदलावों को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ी कवायद शुरू कर दी है। आगामी जीएसटी काउंसिल बैठक से पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 20 जून को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक करने जा रही हैं।
बैठक में किन विषयों पर होगी चर्चा?
सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में निम्नलिखित मुद्दों पर गहन मंथन होगा:
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✅ जीएसटी दरों में तार्किक बदलाव
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✅ क्षतिपूर्ति सेस (Compensation Cess) की समीक्षा
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✅ जीएसटी पंजीयन नियमों में संशोधन
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✅ अब तक के राजस्व संग्रह (Revenue Collection) की प्रवृत्ति
इनकम टैक्स विभाग के साथ भी होगी बैठक
इस दिन वित्त मंत्री इनकम टैक्स विभाग के साथ भी एक अलग बैठक करेंगी, लेकिन जीएसटी से जुड़े मुद्दों के चलते CBIC के साथ होने वाली बैठक अधिक महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
तीन माह में होनी चाहिए एक बैठक – नियम के खिलाफ देरी
वर्तमान प्रावधानों के अनुसार, GST काउंसिल की बैठक हर तीन महीने में एक बार बुलाई जानी चाहिए। लेकिन पिछले छह महीनों से कोई बैठक नहीं हुई है, जिससे कई अहम फैसले रुके हुए हैं। माना जा रहा है कि 20 जून की बैठक के बाद ही GST काउंसिल की अगली बैठक की तारीख तय की जाएगी।
क्यों है यह बैठक अहम?
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भारत की कर व्यवस्था को सरल, पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में यह बैठक नीतिगत मोड़ ला सकती है।
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टैक्स दरों में बदलाव से आम जनता से लेकर व्यापारी वर्ग तक सभी प्रभावित होंगे।
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राज्यों के मुआवजे (Compensation) को लेकर भी कई राज्य सरकारें चिंता जता चुकी हैं, जिसे बैठक में उठाया जा सकता है।
GST दरों में बड़ा बदलाव संभव, 12% स्लैब हटाने की तैयारी; इनपुट टैक्स क्रेडिट और सेस पर भी होगी चर्चा
नई दिल्ली | 16 जून 2025:GST प्रणाली में बड़े बदलाव की तैयारी शुरू हो चुकी है। 20 जून को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, CBIC (केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड) के अधिकारियों के साथ अहम बैठक करेंगी, जिसमें जीएसटी दरों में प्रस्तावित बदलाव, इनपुट टैक्स क्रेडिट की दिक्कतें और क्षतिपूर्ति सेस का भविष्य प्रमुख मुद्दे होंगे।
12% GST स्लैब हटाने की तैयारी
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GST काउंसिल की पिछली बैठक (दिसंबर 2024) में तय हुआ था कि अगली बैठक में टैक्स स्लैब संरचना पर पुनर्विचार किया जाएगा।
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सूत्रों के अनुसार, 12% के स्लैब को हटाया जा सकता है, और इसमें आने वाले उत्पादों को 5% या 18% में शिफ्ट किया जा सकता है।
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फिलहाल GST की पांच प्रमुख दरें हैं: 0%, 5%, 12%, 18%, और 28%। इसका उद्देश्य सिस्टम को सरल बनाना और करदाताओं के लिए अस्पष्टता कम करना है।
GST संग्रह मजबूत – सरकार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती
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चालू वित्त वर्ष 2025-26 के पहले दो महीनों में मासिक GST संग्रह ₹2 लाख करोड़ से ऊपर रहा है।
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सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि दरों में बदलाव से राजस्व में कोई गिरावट न हो।
इनपुट टैक्स क्रेडिट: कारोबारियों की बड़ी परेशानी
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मौजूदा नियमों के तहत अगर खरीदार GST रिटर्न दाखिल नहीं करता, तो विक्रेता को इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलती।
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यह नियम ईमानदार कारोबारियों के लिए समस्या बन गया है।
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बैठक में इस मुद्दे पर व्यवहारिक समाधान लाने की कोशिश होगी।
क्षतिपूर्ति सेस का भविष्य अधर में
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Compensation Cess की वैधता मार्च 2026 में समाप्त हो रही है।
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यह सेस GST लागू होने के बाद राज्यों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए लगाया गया था।
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अब यह तय करना है कि:
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इसे पूरी तरह बंद किया जाए
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या इसे किसी नई रूपरेखा में जारी रखा जाए
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इस पर राज्य मंत्री पंकज चौधरी की अध्यक्षता में बने समूह को 30 जून 2025 तक रिपोर्ट देनी है।