एशियाई विकास बैंक (ADB) ने भारत की GDP वृद्धि दर का अनुमान घटाया
एशियाई विकास बैंक (ADB) ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत की GDP वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 7 प्रतिशत थी। इसके अलावा, वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भी वृद्धि का अनुमान 7.2 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया है।
एडीबी के प्रमुख कारण:
- निजी निवेश में कमी:
उम्मीद के मुताबिक निजी क्षेत्र में निवेश की गति धीमी है, जिससे आर्थिक वृद्धि प्रभावित हो रही है। - घरेलू मांग का सुस्त प्रदर्शन:
परिवारों की ओर से खर्च में उम्मीद से कम वृद्धि देखी जा रही है, जो आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित कर रही है। - वैश्विक कारक:
- अमेरिकी व्यापार और राजकोषीय नीतियों में बदलाव।
- आव्रजन नीतियों का असर।
- वैश्विक आर्थिक मंदी और जियोपॉलिटिकल अनिश्चितताओं का असर।
एडीबी की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:
- एशियाई विकास परिदृश्य (ADO):
रिपोर्ट में कहा गया है कि विकासशील एशिया और प्रशांत क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाएँ भी अमेरिका की नीतियों और महंगाई के दबाव से प्रभावित हो सकती हैं। - महंगाई:
महंगाई का जोखिम अभी भी ऊँचा है, जो उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति और मांग पर नकारात्मक असर डाल सकता है।
भारत के लिए संभावनाएँ:
हालांकि, भारत का विकास अनुमान घटाया गया है, लेकिन 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर अब भी दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज है। विशेषज्ञों का मानना है कि:
- सरकारी निवेश:
बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं और उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजनाएँ मध्यम अवधि में आर्थिक सुधार को गति दे सकती हैं। - मौद्रिक नीति का प्रभाव:
रिज़र्व बैंक द्वारा महंगाई को नियंत्रित करने की नीतियाँ दीर्घकालिक स्थिरता ला सकती हैं।
एशिया और प्रशांत क्षेत्र में भी रहेगी सुस्ती
रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया तथा प्रशांत क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाओं के 2024 में 4.9 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, जो एडीबी द्वारा सितंबर में लगाए गए पांच प्रतिशत के अनुमान से थोड़ा कम है। एडीबी ने कहा कि निजी निवेश और आवास मांग में उम्मीद से कम वृद्धि से भारत की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। पहले भारतीय अर्थव्यवस्था के सात प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान था। एडीबी ने अगले वित्त वर्ष के लिए भी वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत कर दिया गया है।
आरबीआई ने भी घटाया है अनुमान
भारतीय रिजर्व बैंक ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर पिछले सप्ताह 6.6 प्रतिशत कर दिया था। केंद्रीय बैंक ने आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती तथा खाद्य पदार्थों की कीमतों में तेजी को देखते हुए मुद्रास्फीति का अनुमान भी बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत कर दिया था। भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2024-25 की जुलाई-सितंबर तिमाही में सात तिमाहियों के निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर आ गई थी, जबकि आरबीआई ने स्वयं इसके सात प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया था।