विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच G20 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई बैठक दोनों देशों के बीच चल रहे सीमा विवाद को सुलझाने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। यह बैठक पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग में सीमा से सेनाओं की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद पहली उच्च-स्तरीय बातचीत थी।
मुख्य बिंदु:
- सीमा तनाव और सैनिकों की वापसी:
- डेमचोक और देपसांग वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास प्रमुख तनाव बिंदु रहे हैं।
- बैठक में दोनों पक्षों ने सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया की समीक्षा की और भविष्य में ऐसे तनावों से बचने के लिए तंत्र को मजबूत करने पर चर्चा की।
- बातचीत का उद्देश्य:
- भारत और चीन के बीच एलएसी पर स्थिरता बनाए रखना।
- द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में कदम उठाना।
- पृष्ठभूमि:
- लद्दाख में 2020 से तनाव जारी है, खासकर गलवान घाटी संघर्ष के बाद।
- हाल के महीनों में, भारत-चीन के बीच कई दौर की सैन्य और राजनयिक वार्ता हुई, जिसके बाद कुछ टकराव बिंदुओं से सेनाओं की वापसी संभव हुई।
- भविष्य की प्राथमिकताएँ:
- जयशंकर ने जोर दिया कि एलएसी पर शांति और स्थिरता द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति के लिए मूलभूत आवश्यकता है।
- वांग यी ने भी दोनों देशों के बीच संवाद और आपसी विश्वास को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
- चुनौतियाँ:
- देपसांग और डेमचोक से सैनिकों की वापसी के बावजूद, अन्य क्षेत्रों में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।
- भारत सीमा पर यथास्थिति बहाल करने और एलएसी पर नियमों का पालन सुनिश्चित करने की माँग कर रहा है।
- चीन की ओर से भारत-चीन व्यापार और सांस्कृतिक सहयोग बढ़ाने के प्रयास जारी हैं, लेकिन सीमा विवाद एक बड़ी बाधा है।
संभावित प्रभाव:
- यह बैठक संकेत देती है कि भारत और चीन तनाव कम करने के लिए उच्च स्तर पर संचार बनाए रखने को तैयार हैं।
- हालाँकि, भारत की स्थिति स्पष्ट है कि सीमा विवाद के समाधान के बिना द्विपक्षीय संबंध सामान्य नहीं हो सकते।
- निकट भविष्य में दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की बातचीत और राजनयिक वार्ता जारी रहने की संभावना है।
यह वार्ता भारत-चीन संबंधों को संतुलित और स्थिर बनाने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन सीमा पर पूर्ण शांति और विश्वास बहाली अभी भी चुनौती बनी हुई है।
वैश्विक स्थिति पर भी हुई चर्चा
जयशंकर ने वांग के साथ बातचीत के बाद कहा कि दोनों पक्षों ने भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों की दिशा में उठाए जाने वाले अगले कदमों को लेकर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। विदेश मंत्री ने सोमवार देर रात सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘रियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान सीपीसी (चीनी कम्युनिस्ट पार्टी) पोलित ब्यूरो के सदस्य और चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों से हालिया सैन्य वापसी प्रक्रिया में हुई प्रगति पर गौर किया। हमारे द्विपक्षीय संबंधों की दिशा में अगले कदमों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। वैश्विक स्थिति पर भी चर्चा की।’’
On the sidelines of the G20 Summit in Rio, met CPC Politburo member and FM Wang Yi of China.
We noted the progress in the recent disengagement in the India-China border areas. And exchanged views on the next steps in our bilateral ties.
Also discussed the global situation. pic.twitter.com/fZDwHlkDQt
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) November 19, 2024
भारत-चीन में बनी सहमति
ब्राजील सोमवार और मंगलवार को G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। सीमा विवाद को सुलझाने के लिए भारत और चीन द्वारा एक समझौता किए जाने के बाद भारतीय और चीनी सेनाओं ने पिछले महीने डेमचोक और देपसांग में सेनाओं की वापसी की कवायद पूरी कर ली थी। दोनों पक्षों ने लगभग साढ़े चार साल के अंतराल के बाद दोनों क्षेत्रों में गश्त गतिविधियां भी फिर से शुरू की हैं।