ऑपरेशन सिंदूर की निर्णायक सफलता के बाद भारत सरकार ने अब इसे राष्ट्रीय सहमति और राजनीतिक एकता से जोड़ने का कदम उठाया है। केंद्र सरकार द्वारा 8 मई को सर्वदलीय बैठक बुलाना, न सिर्फ पारदर्शिता का प्रतीक है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई राजनीतिक मतभेदों से ऊपर है।
8 मई 2025 को बुलायी गई सर्वदलीय बैठक
🔸 स्थान: संसद पुस्तकालय भवन, कक्ष जी-074, नई दिल्ली
🔸 समय: सुबह 11 बजे
🔸 उद्देश्य:
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विपक्ष को ऑपरेशन की जानकारी देना
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राष्ट्रीय सुरक्षा पर आगे की रणनीति साझा करना
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राजनीतिक एकजुटता और राष्ट्रहित में सहयोग सुनिश्चित करना
🔸 सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे:
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
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गृह मंत्री अमित शाह
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संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू
संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग: सेना, वायुसेना और विदेश मंत्रालय
अधिकारी | भूमिका | विवरण |
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कर्नल सोफिया कुरैशी | भारतीय सेना | पीओके के मुजफ्फराबाद में सवाई नाला जैसे शिविरों को नष्ट करने की पुष्टि |
विंग कमांडर व्योमिका सिंह | भारतीय वायुसेना | बताया कि 25 मिनट के भीतर सभी नौ लक्ष्य सटीक मिसाइल स्ट्राइक्स से ध्वस्त किए गए |
विदेश सचिव विक्रम मिस्री | विदेश मंत्रालय | अंतरराष्ट्रीय मंचों को भारत की कार्रवाई के औचित्य से अवगत कराने की रणनीति स्पष्ट की |
नष्ट किए गए प्रमुख आतंकी शिविर:
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मुजफ्फराबाद (सवाई नाला कैंप) – LeT का ट्रेनिंग बेस
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बहावलपुर – जैश-ए-मोहम्मद का गढ़
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मुरीदके – लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय
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6 अन्य शिविर – पीओके और पंजाब प्रांत में फैले हुए
सभी हमले रात 1:05 से 1:30 बजे के बीच किए गए, सटीकता इतनी थी कि नागरिक ढांचे को कोई नुकसान नहीं हुआ।
रणनीतिक महत्व:
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पीएम मोदी का अभियान की रात भर निगरानी करना और कैबिनेट मीटिंग में सेना की सराहना, राजनीतिक नेतृत्व की प्रतिबद्धता दर्शाता है
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विदेश मंत्रालय की सक्रिय भूमिका भारत के सामरिक + कूटनीतिक संतुलन को इंगित करती है
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तीनों सेनाओं की संयुक्त कार्रवाई दर्शाती है कि भारत अब संयुक्त थियेटर कमांड की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है
संभावित रणनीतिक उद्देश्य:
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पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाना
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पीओके में आतंकियों के बचे-खुचे ठिकानों की पहचान कर अगली योजना बनाना
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चीन-पाकिस्तान संपर्क (CPEC) क्षेत्र में भारत की सामरिक चेतावनी देना
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आंतरिक रूप से राष्ट्रीय राजनीतिक समर्थन सुनिश्चित करना
‘ऑपरेशन सिंदूर’ अब केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं रह गया — यह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति, अंतरराष्ट्रीय कूटनीति, और घरेलू राजनीतिक एकता का एक सशक्त प्रतीक बन चुका है। सर्वदलीय बैठक से यह भी स्पष्ट होता है कि भारत विपक्ष को भी विश्वास में लेकर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट भारत की छवि प्रस्तुत करना चाहता है।