अहमदाबाद प्लेन क्रैश: अब तक 92 मृतकों की पहचान, 47 शव परिजनों को सौंपे गए
लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-171 (बोइंग 787-8) के भीषण हादसे में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से 241 की मौत हो गई, जबकि केवल एक व्यक्ति ही चमत्कारिक रूप से बच पाया। इस दुर्घटना में मेडिकल कॉलेज के पांच छात्रों समेत कुल 29 अन्य लोगों की भी जान गई। हादसे के पांच दिन बाद, डीएनए मिलान के माध्यम से अब तक 92 शवों की पहचान हो चुकी है और 47 शव परिजनों को सौंपे जा चुके हैं। ये शव मुख्यतः अहमदाबाद, वडोदरा, खेड़ा, बोटाद और अन्य जिलों के रहने वालों के हैं।
गुजरात सरकार ने इस विमान में सवार पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के निधन पर सोमवार को राजकीय शोक की घोषणा की है। उनका अंतिम संस्कार राजकोट में किया जाएगा।
डीएनए परीक्षण और शव सुपुर्दगी प्रक्रिया:
डीएनए पहचान के काम के लिए कुल 590 लोगों की टीम लगाई गई है, जिसमें 36 फॉरेंसिक विशेषज्ञ, 8 महिलाएं और 554 मेडिकल स्टाफ शामिल हैं। पहचान के बाद शवों को एम्बुलेंस और सुरक्षा के साथ परिजनों के घर पहुंचाया जा रहा है। इसके लिए 230 टीमें गठित की गई हैं जो मृतकों के परिवारों के संपर्क में हैं। 192 एम्बुलेंस और वाहन स्टैंडबाय पर रखे गए हैं, जबकि शवों को सुरक्षित रखने के लिए वडोदरा से 100 ताबूत मंगवाए गए हैं।
पोस्टमॉर्टम जोन की वर्तमान स्थिति:
फिलहाल 13 मृतकों के परिजन पोस्टमॉर्टम एरिया में मौजूद हैं और उन्हें जल्द शव सौंपे जाने हैं। आठ परिवारों को दोपहर 12 बजे के करीब बुलाया गया है। बारह ऐसे परिजन जिनके एक से अधिक स्वजन मारे गए हैं, वे डीएनए मिलान पूर्ण होने के बाद ही शव लेने आएंगे। कुछ विदेशी नागरिकों के परिजन भी अहमदाबाद पहुंच चुके हैं।
दुर्घटना में बचा एकमात्र व्यक्ति और घायलों की स्थिति:
सरकारी बी. जे. मेडिकल कॉलेज के अनुसार, हादसे में घायल हुए 51 लोगों में से 38 को छुट्टी दे दी गई है, जबकि 13 का इलाज अभी चल रहा है। बी.जे. मेडिकल कॉलेज जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. धवल गमेती के अनुसार, दुर्घटनास्थल से करीब 270 शव अहमदाबाद सिविल अस्पताल लाए गए हैं।
राहत आयुक्त की जानकारी:
राज्य राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने बताया कि अब तक मारे गए 230 यात्रियों के परिजनों से संपर्क किया जा चुका है। केवल तीन यात्रियों के परिवार विदेश में हैं और उन्होंने अभी डीएनए सैंपल नहीं दिए हैं, उनके जल्द पहुंचने की उम्मीद है। प्रशासन पार्थिव शरीर के साथ मृत्यु प्रमाण पत्र भी सौंप रहा है ताकि परिजनों को बाद में किसी कानूनी प्रक्रिया में कठिनाई न हो।
यह हादसा न केवल गुजरात बल्कि पूरे देश के लिए गहरी पीड़ा और शोक का कारण बना है। राहत और पुनर्वासन का कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
अहमदाबाद प्लेन क्रैश: अब तक 92 मृतकों की पहचान, 47 शव परिजनों को सौंपे गए
लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-171 (बोइंग 787-8) के भीषण हादसे में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से 241 की मौत हो गई, जबकि केवल एक व्यक्ति ही चमत्कारिक रूप से बच पाया। इस दुर्घटना में मेडिकल कॉलेज के पांच छात्रों समेत कुल 29 अन्य लोगों की भी जान गई। हादसे के पांच दिन बाद, डीएनए मिलान के माध्यम से अब तक 92 शवों की पहचान हो चुकी है और 47 शव परिजनों को सौंपे जा चुके हैं। ये शव मुख्यतः अहमदाबाद, वडोदरा, खेड़ा, बोटाद और अन्य जिलों के रहने वालों के हैं।
गुजरात सरकार ने इस विमान में सवार पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के निधन पर सोमवार को राजकीय शोक की घोषणा की है। उनका अंतिम संस्कार राजकोट में किया जाएगा।
डीएनए परीक्षण और शव सुपुर्दगी प्रक्रिया:
डीएनए पहचान के काम के लिए कुल 590 लोगों की टीम लगाई गई है, जिसमें 36 फॉरेंसिक विशेषज्ञ, 8 महिलाएं और 554 मेडिकल स्टाफ शामिल हैं। पहचान के बाद शवों को एम्बुलेंस और सुरक्षा के साथ परिजनों के घर पहुंचाया जा रहा है। इसके लिए 230 टीमें गठित की गई हैं जो मृतकों के परिवारों के संपर्क में हैं। 192 एम्बुलेंस और वाहन स्टैंडबाय पर रखे गए हैं, जबकि शवों को सुरक्षित रखने के लिए वडोदरा से 100 ताबूत मंगवाए गए हैं।
पोस्टमॉर्टम जोन की वर्तमान स्थिति:
फिलहाल 13 मृतकों के परिजन पोस्टमॉर्टम एरिया में मौजूद हैं और उन्हें जल्द शव सौंपे जाने हैं। आठ परिवारों को दोपहर 12 बजे के करीब बुलाया गया है। बारह ऐसे परिजन जिनके एक से अधिक स्वजन मारे गए हैं, वे डीएनए मिलान पूर्ण होने के बाद ही शव लेने आएंगे। कुछ विदेशी नागरिकों के परिजन भी अहमदाबाद पहुंच चुके हैं।
दुर्घटना में बचा एकमात्र व्यक्ति और घायलों की स्थिति:
सरकारी बी. जे. मेडिकल कॉलेज के अनुसार, हादसे में घायल हुए 51 लोगों में से 38 को छुट्टी दे दी गई है, जबकि 13 का इलाज अभी चल रहा है। बी.जे. मेडिकल कॉलेज जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. धवल गमेती के अनुसार, दुर्घटनास्थल से करीब 270 शव अहमदाबाद सिविल अस्पताल लाए गए हैं।
राहत आयुक्त की जानकारी:
राज्य राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने बताया कि अब तक मारे गए 230 यात्रियों के परिजनों से संपर्क किया जा चुका है। केवल तीन यात्रियों के परिवार विदेश में हैं और उन्होंने अभी डीएनए सैंपल नहीं दिए हैं, उनके जल्द पहुंचने की उम्मीद है। प्रशासन पार्थिव शरीर के साथ मृत्यु प्रमाण पत्र भी सौंप रहा है ताकि परिजनों को बाद में किसी कानूनी प्रक्रिया में कठिनाई न हो।