देश में समान नागरिक संहिता को लेकर चल रही बहस के बीच तमिलनाडु में भाजपा की प्रमुख सहयोगी अन्नाद्रमुक (AIADMK) ने बीजेपी को बड़ा झटका दिया है। दरअसल, एआईएडीएमके ने अपना चुनाव घोषणापत्र जारी किया है। इसमें पार्टी ने भारत सरकार से समान नागरिक संहिता के लिए संविधान में कोई संशोधन नहीं लाने का आग्रह किया है।
क्या है AIADMK के चुनाव घोषणापत्र में?
एआईएडीएमके के चुनाव घोषणापत्र में कहा गया है, ‘AIADMK भारत सरकार से समान नागरिक संहिता के लिए संविधान में कोई संशोधन नहीं लाने का आग्रह करेगी, जो भारत के अल्पसंख्यकों के धार्मिक अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा।’
पीएम मोदी के एक बयान से छिड़ा मुद्दा
उल्लेखनीय है कि 27 जून को प्रधानमंत्री मोदी ने भोपाल में यूसीसी के बारे में बात करते हुए कहा कि देश दो कानूनों पर नहीं चल सकता है। उन्होंने इसे समान नागरिक संहिता संविधान का हिस्सा बताया है। बता दें, भाजपा के 2019 के लोकसभा चुनाव घोषणापत्र में, पार्टी ने सत्ता में आने पर यूसीसी को लागू करने का वादा किया था।
"AIADMK will urge the Government of India not to bring any amendments to the constitution for a Uniform Civil Code that will adversely affect the religious rights of minorities of India, reads AIADMK's Election Manifesto pic.twitter.com/nr2qKgCc2k
— ANI (@ANI) July 5, 2023
क्या होता है समान नागरिक संहिता
समान नागरिक संहिता धर्म, लिंग की परवाह किए बिना सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू होगा। यह संहिता संविधान के अनुच्छेद 44 के अंतर्गत आती है, जिसमें कहा गया है कि राज्य पूरे भारत में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा।