भारतीय वायुसेना (IAF) द्वारा DRDO द्वारा विकसित 300 ‘गौरव’ लॉन्ग रेंज ग्लाइड बम (LRGB) की खरीद का निर्णय न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूती प्रदान करेगा, बल्कि स्वदेशी रक्षा उत्पादन की दिशा में एक और बड़ा कदम है। यह आधुनिक हथियार प्रणाली वायुसेना की आक्रामक क्षमता और दुश्मन के खिलाफ रणनीतिक बढ़त को और मजबूत करेगी।
‘गौरव’ LRGB की प्रमुख विशेषताएं:
- लंबी रेंज:
- 80 किलोमीटर से अधिक की मारक क्षमता।
- पायलट दुश्मन की हवाई सुरक्षा से दूर रहते हुए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निशाना बना सकते हैं।
- एडवांस मार्गदर्शन प्रणाली:
- इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (INS) और GPS आधारित मार्गदर्शन।
- लक्ष्य पर सटीकता से हमला करने में सक्षम।
- लक्षित क्षेत्र:
- दुश्मन के एयरफील्ड, बंकर और मजबूत संरचनाओं पर हमला।
- दुश्मन के रनवे और सामरिक ठिकानों को निष्क्रिय करने की क्षमता।
- लड़ाकू विमानों के साथ अनुकूलता:
- Su-30MKI और मिराज-2000 जैसे अग्रणी भारतीय लड़ाकू विमानों के साथ पूरी तरह अनुकूल।
- मौजूदा प्लेटफार्म में बिना किसी बड़े बदलाव के इस्तेमाल की सुविधा।
- स्वदेशी समाधान:
- यह हथियार प्रणाली विदेशी गाइडेड मिसाइलों का स्वदेशी और किफायती विकल्प है।
रणनीतिक लाभ:
- दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम से बचकर सुरक्षित दूरी से लक्ष्य भेदने की क्षमता वायुसेना की सुरक्षा और सफलता को सुनिश्चित करेगी।
- यह बम भारतीय वायुसेना को दुश्मनों के रणनीतिक ठिकानों पर दूरगामी और सटीक हमले करने में सक्षम बनाएगा।
- स्वदेशी उत्पादन पर जोर देकर, भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को और मजबूत करेगा।
भविष्य की योजनाएँ:
- वर्तमान में 300 ‘गौरव’ बमों का ऑर्डर दिया गया है, लेकिन सुरक्षा चुनौतियों और युद्ध जरूरतों को देखते हुए भविष्य में वायुसेना को हजारों ऐसे बमों की आवश्यकता हो सकती है।
- यह कदम भारतीय वायुसेना की आधुनिकीकरण की प्रक्रिया और बदलते समय में सुरक्षा रणनीति को ध्यान में रखकर उठाया गया है।
‘गौरव’ LRGB का महत्व:
‘गौरव’ LRGB न केवल भारतीय वायुसेना को दुश्मन के खिलाफ एक आक्रामक बढ़त देगा, बल्कि यह भारतीय रक्षा उद्योग की ताकत और आत्मनिर्भर भारत के विजन का भी प्रतीक है। यह निर्णय बदलती वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनज़र भारतीय वायुसेना को एक और मजबूत हथियार से लैस करने की दिशा में अहम कदम है।