28 मई 2023 को देश की नई संसद भवन का उद्घाटन होना है। लेकिन कॉन्ग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने इसे भी सियासी मौका बना दिया है। ‘विपक्षी एका’ के नाम पर 19 दलों ने उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया है। लेकिन कई गैर एनडीए दलों ने इस कार्यक्रम में शामिल होने की घोषणा करते हुए विपक्षी एका के राजनीतिक स्टंट पर पानी फेर दिया है।
रिपोर्टों के मुताबिक चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर कॉन्ग्रेस, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बीजू जनता दल, मायावती की बहुजन समाज पार्टी, सुखबीर सिंह बादल की शिरोमणि अकाली दल इस कार्यक्रम में शिकरत करेगा। तमिलनाडु की विपक्षी पार्टी एआईडीएमके भी उद्घाटन में शामिल होगा।
पंजाब की विपक्षी पार्टी और भाजपा की पूर्व सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होने का फैसला किया है। शिअद नेता दलजीत चीमा ने बुधवार (24 मई 2023) को एएनआई से बातचीत करते हुए कहा कि उनकी पार्टी विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए मुद्दों से सहमत नहीं है। नए संसद भवन का उद्घाटन देश के लिए गर्व की बात है। इसलिए पार्टी ने उद्घाटन समारोह में शामिल होने का फैसला किया है।
वाईएसआर कॉन्ग्रेस (YSRCP) ने भी नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने का फैसला लिया है। पार्टी नेता और राज्य सभा सांसद विजयसाई रेड्डी ने नए संसद भवन के उद्घाटन का समर्थन किया है। एक ट्वीट में उन्होंने कहा है कि देश का नया संसद भवन आधुनिक, आत्मनिर्भर और गौरवान्वित करने वाला है। आखिरकार देश के पास ऐसी इमारत है, जिसे लोकतांत्रिक देश की संसद के रूप में काम करने के लिए तैयार किया गया है।
चंद्रबाबू नायडू की तेलगु देशम पार्टी ने भी साफ कर दिया है कि पार्टी नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का हिस्सा बनेगी। उसके अलावा एआईडीएमके, बीजेडी और बीएसपी जैसी पार्टियाँ भी कार्यक्रम में शामिल होंगी।
28 मई 2023 को दोपहर 12 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। कॉन्ग्रेस, शिवसेना (UBT), आम आदमी पार्टी, TMC, राजद, जदयू सहित 19 विपक्षी दलों ने एक संयुक्त बयान जारी कर उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने की बात कही है। AAP के नेता संजय सिंह ने कहा है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से नए संसद भवन का उद्घाटन नहीं कराया जाना भारत के दलित आदिवासी और वंचित समाज का अपमान है। कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी ने कहा है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति जी को ही करना चाहिए। अपने बयान में विपक्षी दलों ने कहा है, “जब संसद से लोकतंत्र की आत्मा को चूस लिया गया और सरकार डेमोक्रेसी के लिए खतरा बन गई है तो नए भवन का कोई मूल्य नहीं है।”
इन सब के बीच एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि संसद भवन का उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से कराया जाना चाहिए। यदि ओम बिरला से उद्घाटन नहीं कराया गया तो AIMIM इस कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनेगी।